हमारे देश में किसान भाई बड़े पैमाने पर गेहूं की खेती करते हैं. गेहूं की कई किस्में हमारे यहां मौजूद हैं, जिसकी खेती वर्तमान में हमारे किसान भाई कर रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से काले गेहूं की तरफ जिस तरह से हमारे किसान भाइयों का रूझान बढ़ा है, यह अपने आप विवेचना का विषय बन चुका है. कई बार लोगों के जेहन में यह सवाल उठे कि आखिर काले गेहूं की तरफ किसानों का रूझान क्यों बढ़ रहा है?
आखिर क्यों किसान भाई परंपरागत गेहूं से स्थानांतरित होकर काले गेहूं की खेती में दिलचस्पी ले रहे हैं, तो इसे किसान भाइयों का कहना है कि काले गेहूं की खेती से अन्य गेहूं की तुलना में अच्छा मुनाफा अर्जित होता है.
किसान भाई काफी संख्या में काले गेहूं खेती की में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. किसानों का मानना है कि बाजार में हमेशा इसकी मांग रहती है. इसकी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए इसकी मांग को देखते हुए इसकी आपूर्ति कम हो जाती है, जिसकी वजह से कई बार लोग इसकी मुंह मांगी कीमत देने पर आमादा हो जाते हैं तो अब आप ही बताइए कि ऐसे में भला किसानों को काले गेहूं की खेती से अच्छा मुनाफा होगा की नहीं.
आइए, अब आगे जानते हैं कि आखिर काले गेहूं में ऐसी कौन-सी गुणवत्ता है, जिसकी वजह से किसानों का रूझान इस ओर तेजी से बढ़ रहा और इसकी खेती में वे इतनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
काले गेहूं के फायदें (Benefits of Black Wheat)
काला गेहूं किसी औषधि से कम नहीं है. यह खाद्य के साथ-साथ औषधि का भी काम करता है. इसका उपयोग पेट भरने के साथ-साथ कई बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए भी किया जा सकता है. यह हार्ट अटैक, मानसिक तनाव, कैंसर, घुटनों का दर्द, एनिमिया, डायबटिज जैसे रोगों के लिए रामबाण माना जाता है.
फिलहाल, अब तक तो आप यह जान ही गए होंगे की सामान्य गेहूं की तुलना में आखिर क्यों काले गेहूं की बाजार में ज्यादा मांग रहती है. आखिर क्यों किसानों का रूझान इस ओर तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, अब इतनी सारी गुणवत्ता को जानने के बाद अब अगर आप भी काले गेहूं की खेती करने का मन बना चुके हैं, तो आइए आगे इस लेख में जानते हैं कि अगर कोई किसान भाई काले गेहूं की खेती करना चाहते हैं, तो उन्हें किन-किन पड़ावों से होकर गुजरना होगा.
ऐसे करें काले गेहूं की खेती (How to cultivate black wheat)
जिन किसानों भाइयों ने काले गेहूं की खेती की है और जो निकट भविष्य में करने की योजना बना रहे हैं. उन्हें पता होगा ही कि जिस तरह से सामान्य गेहूं की खेती होती है तो ठीक वैसे ही काले गेहूं की खेती भी होती है. काले गेहूं की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको बाजार से इसके बीज लाने होंगे. सामान्य गेहूं की तरह इसके बीज भी बाजार में उपलब्ध होंगे. इसके बाद इन बीजों की आप बुवाई करें. इनकी पंक्तियों में बुवाई करने के लिए आपको सामान्य दशा में 100 किलोग्राम तथा 125 किलोग्राम मोटा दाना प्रति हेक्टेयर के अनुपात में चाहिए होगा.
छिड़काव विधि के जरिए आप इसकी बुवाई कर सकते हैं. अगर बीज में अंकुरण की क्षमता अधिक हो तो उसका शोध करें और अगर बीज की अंकुरण की क्षमता कम हो तो बीज की मात्रा बढ़ाएं. इन सभी क्रियाओं को करने के बाद आप इसकी सिंचाई पर विशेष ध्यान दें. किसी भी अनाज की उपयुक्त खेती में सिंचाई की अपनी एक खास भूमिका होती है. आमतौर पर अधिक सिंचाई या कम सिंचाई की वजह से अनाज की खेती करने में समस्या होती है.
उर्वरक एवं खाद
वहीं, अगर काले गेहूं की खेती करने के दौरान उर्वरक एवं खाद की उपयोग की बात करें तो आप मिट्टी को तैयार करते दौरान ही जिंका व यूरिया डालिए. इसके बाद डीएपी खाद डालिए, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी. 50 किलो डीएपी, 45किलो यूरिया, 20किलो म्यूटेश पोटाश व 10किलो जिंक सल्फेट की आवश्यकता होगी. इस बीच सिंचाई के दौरान 60 किलो यूरिया की आवश्यकता होगी. इस तरह आप पूरी प्रक्रिया के तहत आप काले गेहूं की खेती के दौरान आप उर्वरक व खाद का उपयोग कर सकते हैं.
सिंचाई
अब बात सिंचाई की करते हैं. काले गेहूं की सिंचाई के दौरान आपको पहली सिंचाई आपको तीन हफ्ते बाद करनी होगी. वहीं, फुटाव के समय और गांठ के समय भी आप सिंचाई कर सकते हैं.
यहां मिलेगा किसानों को काले गेहूं का बीज (Here farmers will get black wheat seeds)
वहीं, अगर काले गेहूं की बीज की बात करें तो किसान भाई गेहूं अनुसंधान परिषद समेत गेहूं की फसल पर अनुसंधान करने वाले संस्थान से किसान भाई यह बीज प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा आप किसान भाई 6267086404 से संपर्क कर काले गेहूं की बीज प्राप्त कर सकते हैं, तो किसान भाइयों हमारा यह लेख पढ़ने के बाद आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं.