जैसे कि आप जानते हैं कि भारत सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं पर काम किया जाता है. ताकि जनता की आर्थिक रूप से मदद हो सके. इसी क्रम में सरकार ने आम लोगों के लिए ई श्रम योजना भी चलाई है, जिसका उद्देश्य लोगों की मदद करना है.
आपको बता दें कि इस योजना से देश के कई मजदूरों को लाखों रुपए का फायदा पहुंच रहा है. इस योजना में कई लोगों ने बजट से पहले ही अपना-अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. सर्वे से पता चला है कि अभी तक इस योजना में 28 करोड़ से भी अधिक लोगों ने अपना रजिस्टर करवा लिया है. तो आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं...
करोड़ों श्रमिकों ने कराया रजिस्ट्रेशन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने इस बात की जानकारी दी है कि अब तक E-Shram Yojana के तहत करोड़ों लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. इसकी जानकारी उन्होंने Ministry of Labour के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर दी है. उन्होंने ट्वीट पर एक तस्वीर साझा करते हुए कहा कि यदि आप असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं, तो आप ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और ई-श्रम कार्ड के अंतर्गत आने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं.
ट्वीट देखें-
2 लाख रूपए तक का बीमा
दरअसल, इस स्कीम में शामिल होने वाले श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद प्रति माह लगभग 3,000 रुपए पेंशन के तौर पर दिए जाते हैं. इसके अलावा इस योजना के कई खास प्लान भी है. जो व्यक्ति को आर्थिक रूप से बेहद मदद करते हैं.
अगर किसी कारणवश से व्यक्ति शारीरिक रूप से काम करने योग नहीं रहता है या फिर उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसका बीमा भी किया जाता है, जिसकी राशि 2 लाख रुपए तक है, लेकिन ध्यान रहे कि यह राशि सिर्फ मृत्यु होने पर ही दी जाती है. आंशिक रूप से विकलांग व्यक्ति को इस स्कीम के तहत 1 लाख रुपए दिए जाते हैं.
आइए अब ई-श्रम कार्ड के बारे में कुछ जरूरी बातों को और जान लेते हैं
ई-श्रम कार्ड स्कीम को साल 2021 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था. जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्रों में कार्य कर रहे मजदूरों को आर्थिक रूप से सुरक्षा प्रदान करना है और अभी तक जारी है. इस स्कीम में आवेदन करने के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा. जैसे कि-
ई-श्रम कार्ड में आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको देश का नागरिक होना चाहिए.
उम्मीदवार की उम्र 18 साल से लेकर 59 साल के बीच होनी चाहिए. तभी आप आवेदन कर सकते हैं.
ध्यान रहे कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाला श्रमिक यानी कि देश का मजदूर ही इस योजना के लिए पात्र है.
श्रमिक व्यक्ति के नाम कोई जमीन नहीं होनी चाहिए.