RFOI Award 2025: UP के सफल किसान मनोहर सिंह चौहान को मिला RFOI अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI - First Runner-Up: सफल किसान लेखराम यादव को MFOI Awards 2025 में मिला RFOI-फर्स्ट रनर-अप अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI Award 2025: केरल के मैथ्यूकुट्टी टॉम को मिला RFOI Second Runner-Up Award, 18.62 करोड़ की सालाना आय से रचा इतिहास! Success Story: आलू की खेती में बढ़ी उपज और सुधरी मिट्टी, किसानों की पहली पसंद बना जायडेक्स का जैविक समाधान किसानों के लिए साकाटा सीड्स की उन्नत किस्में बनीं कमाई का नया पार्टनर, फसल हुई सुरक्षित और लाभ में भी हुआ इजाफा! Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 6 June, 2022 8:25 PM IST
Durum Wheat (Pasta, Macaroni, Noodles Etc.)

दुनिया भर में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले अनाज में से एक गेहूं है. यह चावल और मक्का के बाद सबसे टिकाऊ और भरोसेमंद फसलों में से एक है और इसे विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियों में उगाया जाता है. भारत में गेहूं की खेती अधिक पैदावार पारंपरिक रूप से उत्तरी क्षेत्र में होती है. जिसमें पंजाब और हरियाणा के मैदानी भाग गेहूं के विपुल उत्पादक रहे हैं. 

लेकिन जब बात गेहूं की किस्मों की आती है तो इसमें ड्यूरम गेहूं (Durum Wheat) की बात जरूर होती है क्योंकि यह जल्दी पकने वाले गेहूं की किस्मों में से एक है. यह गेहूं मुख्य रूप से मध्य क्षेत्र में उगाया जाता है जिसमें मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब के कुछ हिस्सों, दक्षिण राजस्थान और महाराष्ट्र राज्य शामिल हैं. 

ड्यूरम गेहूं का जलवा 

भारत भी ड्यूरम गेहूं का उत्पादन करता है, जिसे पास्ता या मैकरोनी गेहूं (Pasta-Macroni Wheat) भी कहा जाता है. इस कठोर गेहूं की खेती चिकनी मिट्टी में की जाती है और इसकी भौतिक विशेषताओं के लिए अत्यधिक मांग की जाती है. अत्यधिक सहनशील और अधिक उपज देने वाली किस्मों के विकास के कारण मध्य भारत को अब ड्यूरम गेहूं का केंद्र कहा जाता है. इसकी उच्च ग्लूटेन शक्ति और एकसमान सुनहरा रंग इसे रोटी और पास्ता बनाने के लिए आदर्श बनाता है. 

ऐसा इसलिए है क्योंकि गेहूं के मोटे अनाज को सूजी बनाने के लिए पिसा जाता है, जिसे बाद में पास्ता, नूडल्स, मैकरोनी आदि में बनाया जाता है. इसमें ग्लूटेन की उच्च मात्रा होती है और आम ब्रेड गेहूं के समान पोषण संबंधी प्रोफ़ाइल होती है. हालांकि, ड्यूरम गेहूं का उपयोग करके उत्पादित आटा रोटी बनाने के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि इसमें किण्वन और वृद्धि के लिए पर्याप्त स्टार्च नहीं होता है.

ड्यूरम गेहूं प्रति हेक्टेयर उपज  

ड्यूरम गेहूं को अन्य गेहूं की तुलना में कम सिंचाई की आवश्यकता होती है. मालव रतन और मालव कार्ति जैसी कुछ किस्में पानी की उपलब्धता के आधार पर एक या दो सिंचाई में 35-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज दे सकती हैं. वहीं, तीन से चार सिंचाई में ड्यूरम गेहूं की मालव शक्ति जैसी किस्में लगभग 50-60 क्विंटल / हेक्टेयर देती हैं. 

गेहूं की अन्य किस्में

भारत में उगाई जाने वाली गेहूं की मुख्य किस्में इस प्रकार हैं VL-832,VL-804, HS-365, HS-240, HD2687,WH-147, WH-542, PBW-343, WH-896(d), PDW- 233(डी), यूपी-2338, पीबीडब्ल्यू-502, श्रेष्ठ (एचडी 2687), आदित्य (एचडी 2781), एचडब्ल्यू-2044, एचडब्ल्यू-1085, एनपी-200(डीआई), एचडब्ल्यू-741.

आज भारत सभी प्रकार के गेहूं का पर्याप्त मात्रा में निर्यात कर रहा है और आने वाले वर्षों में अनाज उत्पादन में सुधार के लिए व्यापक शोध प्रयास चल रहे हैं. 

English Summary: durum wheat variety, durum wheat pasta macroni noodles
Published on: 06 June 2022, 05:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now