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Updated on: 3 May, 2020 1:42 PM IST

इस साल प्याज का अच्छा उत्पादन हुआ है, लेकिन कोरोना और बढ़ते लॉकडाउन की वजह से प्याज के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. अधिकतर मंडियां बंद हैं, जिससे खरीददार कम हो गए हैं. ऐसे में प्याज किसानों को अपनी फसल लागत से भी कम पर बेचनी पड़ रही है. दूसरी तरफ बेमौसम बारिश की वजह से पूरी फसल बर्बाद होने के आसार बढ़ गए हैं. इस साल किसान को प्याज का अच्छा उत्पादन मिला है, लेकिन फिर भी किसान वित्तीय संकट की ओर बढ़ रहा है. फिलहाल इस समस्या से अधिकतर किसान जूझ रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के जिले इंदौर में किसानों का बुरा हाल है.

6 से 7 रुपए प्रति किलो प्याज

किसानों की मानें, तो उन्होंने इस सप्ताह खरीददार न होने की वजह से प्याज की कीमत 6 से 7 रुपए प्रति किलो तय कर दी. बड़ी समस्या है कि ये कीमत किसानों की फसल में लगाई लागत से भी कम है. किसानों का कहना है कि फसल की लागत 8 से 9 रुपए प्रति किलो है, मगर इस वक्त हमारे पास कोई और रास्ता ही नहीं बचा है. ऐसे में मजबूरन इस कीमत पर फसल बेचनी पड़ रही हैं. किसान के पास के पास केवल दो ही विकल्प बचे हैं. पहला जिस कीमत पर फसल बिक रही है, उस पर अपनी फसल बेच दें, दूसरा एक बार फिर अपनी फसल को बर्बाद होते देखें.

क्यों हो रहा किसानों को नुकसान?

किसानों की मानें, तो लॉकडाउन के बीच बिचौलियों की मौजदूगी बढ़ती गई, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है. इस स्थिति का बिचौलियों ने जमकर फायदा उठाया है. अधिकतर किसानों के पास खेतों में भंडारण की सुविधा नहीं है, जो कि उन्हें फसल कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर कर रही है. किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि उनकी फसल सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे. इसके साथ ही बिचौलियों पर रोक लगाई जाए.

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English Summary: Due to the corona and lockdown, onion farmers are forced to sell the crop for 6 to 7 rupees
Published on: 03 May 2020, 01:46 PM IST

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