महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 9 October, 2020 3:36 PM IST

रबी फसल (Rabi Crops Season) की बुवाई का सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन राजस्थान के किसानों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हुई है. दरअसल, राज्य के किसान अभी भी मौसम की मार झेल रहे हैं, क्योंकि अक्टूबर में भी तापमान बढ़ा हुआ है. इस कारण किसान रबी फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं. बता दें कि अक्टूबर का एक सप्ताह बीत चुका है, इसके बावजूद भी अभी तक दिन के तापमान में खास कमी नहीं आई है. ऐसे में किसानों को बीज जलने की आशंका है, इसलिए वह अभी भी रबी फसलों की बुवाई (Sowing) करने से डर रहे हैं. कृषि विभाग और विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को कुछ दिन और इंतजार करना चाहिए.

23 से 30 डिग्री चाहिए तापमान

सभी किसान भाई जानते होंगे कि रबी फसलों की बुवाई के लिए 23 से 30 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है, लेकिन अभी भी तापमान 35 से 36 डिग्री पर बना हुआ है. बता दे कि रबी फसलों में सरसों की बुवाई जल्दी शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार तापमान के कारण इसमें देरी हो रही है. कृषि विशेषज्ञों द्वारा तापमान कम होने पर ही खेत तैयार करने की सलाह दी जा रही है. वैसे कुछ दिनों में तापमान कम होने की उम्मीद जताई जा रही है.

बुवाई के लिए चाहिए नमी

रबी फसल की बुवाई खेत में नमी और तापमान पर निर्भर होती है. अगर बढ़े हुए तापमान में बुवाई कर दी जाए, तो फसल जलने और उत्पादन प्रभावित होने की आशंका रहती है. अगर खेत में नमी कम होगी, तो किसानों की बीज लागत बढ़ जाती है. इसके साथ ही बीज के अंकुरण में दिक्कत आती है. ऐसे में फसल खराब होने की आशंका भी बनी रहती है. बता दें कि पिछले कुछ सालों से लगातार मौसमी कारणों के चलते सरसों की बुवाई का रकबा घट रहा है. वैसे आमतौर पर सितंबर अंत से सरसों की बुवाई शुरू हो जाती है.

जानकारी के लिए बता दें कि इस साल रबी सीजन में राज्य में लगभग 98.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का टारगेट रखा गया है. कृषि विभाग द्वारा रबी सीजन में 32 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई संभावित है, तो वहीं 16 लाख हैक्टेयर में चना, 3 लाख हैक्टेयर में जौ की बुवाई संभावित है. कृषि विभाग द्वारा इस टारगेट को पूरा करने की तैयारियां कर ली गई हैं, लेकिन इस पर मौसम की प्रतिकूलता पानी फेर सकती है.

English Summary: Due to temperature, farmers of Rajasthan are not able to sow rabi crops
Published on: 09 October 2020, 03:39 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now