आये दिन सड़क हादसों की वजह से हजारों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है या फिर अपाहिज जैसी जिंदगी व्यतीत करनी पड़ती है. जिनमें से अधिकतर मामलें लापरवाही से गाड़ी चलाने के आते हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग फर्जी तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस बना लेते हैं. ऐसे में अब जिला प्रशासन ने ड्राइविंग लाइसेंस में होने वाली गड़बड़ के चलते शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जिसके लिए प्रशासन द्वारा एक कारगर उपाय ढूंढा गया है. तो आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार रूप से...
क्या है ये कारगर उपाय (what is this effective solution)
अब ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) के दौरान गाड़ी चालकों की वीडियोग्राफी (Driving Licence Videography ) की जाएगी. इसके साथ ही टेस्ट देने वाले का भी वीडियो बतौर रिकार्ड के लिए तैयार किया जायेगा. जिससे पता चलेगा कि चालक गाड़ी का लाइसेंस लेने योग्य है या फिर नहीं.
क्या होगा इससे फायदा (what will be the benefit)
इससे फर्जी लाइसेंस (Fake Driving Licence) लेकर गाड़ी चलाने वालों पर रोक लगेगी
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते समय पारदर्शिता भी रहेगी
जिला प्रशासन का इसमें कोई खर्च भी नहीं आएगा
ड्राइविंग टेस्ट के लिए किये दो दिन तय (Two days fixed for driving test)
हरियाणा के अंबाला शहर में ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) बनवाने के लिए प्रतिदिन 30 से 40 आवेदक आते हैं. जिसके चलते ड्राइविंग टेस्ट करवाने के लिए प्रशासन द्वारा 2 दिन (मंगलवार और वीरवार) तय किए गए हैं.
कैसे होगा ये ड्राइविंग टेस्ट (How will this driving test be)
ड्राइविंग टेस्ट के समय सड़क पर जिगजैग वाले कोण रखे जाते हैं और जिनके साइड से गाड़ी चालक को अपनी गाड़ी निकालनी होती है. इस टेस्ट की पूरी वीडियो रिकाडिंग (Video Recording) बनायी जाती है. इसके साथ गाड़ी चलाते समय चालक का साइड वाला शीशा भी नीचे करवा दिया जाता है. ताकि जब विडियो बने तो चालक का चेहरा विडियो में साफ -साफ नजर आए.
इस वीडियो को बनने के बाद इसे रिकार्ड के रूप में रखा जाता है ताकि भविष्य में किसी भी तरह ड्राइविंग लाइसेंस सम्बंधित समस्या आने पर पता लगाया जा सके की गाड़ी चालक का लाइसेंस फर्जी तो नहीं.