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Updated on: 11 January, 2022 3:09 AM IST
Farm Loan

किसानों को कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, हम सभी इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं. कई बार किसान कर्ज में डूब जाता है, लेकिन फिर भी वह खेती कर अनाज का उत्पादन करता है. अगर किसानों के कर्ज की बात करें, तो किसान केसीसी के माध्यम से लोन लेकर फसलों का उत्पादन करते हैं. किसानों के ऊपर कर्ज इतना बढ़ जाता है कि वो आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं.

ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है. जहाँ किसान लोन चुकाने के बाद भी कर्ज के भागीदार बने हुए हैं. इसके चलते किसानों ने एक हैरान कर देने वाला कदम उठाया है.

आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले से एक मामला सामने आय़ा है कि यहां कुछ किसानों ने केसीसी के तहत लोन लिया था. इस लोन को चुकाने के बावजूद भी बैंक अपने रिकोर्ड में उन्हें कर्जदार साबित कर रही है. ऐसे में वे किसान कर्ज (Farm Loan) और बैंक अधिकारियों के रवैये से परेशान हैं और उन्होंने पेट्रोल और सल्फास लेकर आत्मदाह करने दी धमकी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर उनका कर्ज माफ कर उनकी जमीन मुक्त नहीं की गई, तो वे बैंक परिसर में ही आत्महत्या कर लेंगे.

किसानों की मानें, तो एक साल पहले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत लोन लिया था, जिसको किसान चुका चुके हैं. मगर अब बैंक के अधिकारी इस बात से इनकार कर रहे हैं कि किसान कर्ज चुका चुके हैं औऱ बैंक ने कागजों में किसानों को कर्जदार ही साबित कर रखा है.

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ऐसे में किसानों का कहना है कि बैंक द्वारा लिए लोन को चुकाने के बाबजूद भी हम कर्जदार हैं.

अब हमारे पास पैसा भी नहीं है कि अब कर्ज को दोबार चुका सकें, इसलिए हम सभी के पास आत्महत्या करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है.  इस पूरे मामले में ब्रांच मैनेजर कन्हैया लाल अग्रवाल का कहना है कि किसानों से समझौता हुआ था. उनका पैसा उनके खाते में जमा है, लेकिन तभी से योजना बंद पड़ी है. यही वजह है कि उनका समझौता फैल हो गया है. रिश्वत मांगने संबंधी आरोप निराधार हैं

English Summary: double hit of debt on the farmers of the state, forced to commit suicide
Published on: 11 January 2022, 04:47 PM IST

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