आप सभी ने मशरूम का सेवन किया होगा, लेकिन क्या कभी गुच्छी मशरूम (Guchhi Mushroom) को देखा या सुना है. शायद इस गुमनाम डोडा गुच्छी मशरूम (Guchhi Mushroom) के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे. मगर अब कश्मीरी केसर की तरह गुच्छी मशरूम को भी पूरी दुनिया में पहचान मिलने वाली है.
इसके बाद गुच्छी मशरूम की खेती (Guchhi Mushroom Cultivation) करने वाले किसानों की भी तकदीर बदल जाएगी. बता दें कि गुच्छी मशरूम (Guchhi Mushroom) कई दुर्लभ व औषधीय गुणों से भरपूर है. आइए आपको बताते हैं कि आखिरकार ये किस तरह मुमकिन हो पाएगा.
गुच्छी मशरूम को मिलेगा GI टैग
आपको बता दें कि गुच्छी को नई पहचान जियोग्रॉफिल इंडीकेशन टैग (जीआइ टैग) से बड़ा बाजार मिलने जा रहा हैं. कृषि उत्पादन एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जीआइ टैगिंग दिलाने के लिए औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. इसके साथ ही जीआइ रजिस्ट्री चेन्नई में आवेदन कर दिया गया है. यह विभाग की एक अनोखी पहल है. इस पर ग्रेट मिशन ग्रुप कंसलटेंसी पुणे ने जीआइ टैग (GI Tag) का आवेदन जमा करवाया है. इसमें कृषि विज्ञान केंद्र भद्रवाह का भी विशेष योगदान रहा है.
बाजार में गुच्छी मशरूम के दाम
मौजूदा समय में जम्मू कश्मीर समेत देश के कई होटलों में गुच्छी मशरूम की लजीज सब्जी बनाई जाती है. इसकी बेहद मांग भी रहती है. गुच्छी जम्मू कश्मीर के पर्वतीय इलाकों में प्राकृतिक रूप से जंगलों में उगने वाली राजसी व्यंजन में शामिल है. यही कारण है कि आज के समय में 1 किलो गुच्छी के लिए बाजार में 10 से 30 हजार रुपए तक दाम मिल जाता है.
बिजली की गड़गड़ाहट से निकलती है गुच्छी
कहा जाता है कि बर्फ पिघलने के बाद फरवरी से अप्रैल के बीच जब बारिश से पहले आसमान में तेज बिजली चमकती है, साथ ही बादलों की गडग़ड़ाहट होती है, तब जंगल में जमीन के नीचे से गुच्छी ऊपर निकलती है. हालाकिं, अभी तक वैज्ञानिक इसकी पैदावार को लेकर कोई खोज नहीं कर पाए हैं. बता दें कि फरवरी के अंतिम सप्ताह से अप्रैल के अंतिम सप्ताह के बीच जब पहाड़ी इलाकों में बादल उमडऩे घुमडऩे लगते हैं, तब सुबह से ग्रामीण गुच्छी की तलाश में जंगलों में निकल जाते हैं.
गुच्छी मशरूम के औषधीय गुण
गुच्छी मशरूम (Guchhi Mushroom) की कीमत काफी महंगी होती है. इसका करण यह है कि इसके अंदर पाए जाने वाले कई तत्व औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इसमें कई तरह के अमीनो एसिड पाए जाते हैं. बता दें कि इसमें बी कांप्लेक्स, बिटामिन डी व विटामिन सी समेत अन्य खाद्य पदार्थ के मुकाबले बहुत ज्यादा पाया जाता है. इसका सेवन दिल के मरीजों के लिए करना अच्छा होता है.