डिजिटल के इस दौर में हर चीज अब ऑनलाइन हो रही है. हाल ही में डिजिटलकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने भारत में 5जी को लॉन्च किया था. अब इसी कड़ी में आरबीआई भी आज डिजिटल रुपी (Digital Rupee) लॉन्च करने जा रही है.
भारतीय रिजर्व बैंक इस डिजिटल रुपी (Digital Rupee) को सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर होलसेल सेगमेंट में लॉन्च करेगा. प्रोजेक्ट सफल होने के बाद अगले महीने आरबीआई रिटेल सेगमेंट के लिए भी डिजिटल रुपी लॉन्च कर देगा. बता दें कि इससे पहले देश की वित्त मंत्री निर्माला सितारमण ने भी बजट पेश करते हुए डिजिटल रुपी का जिक्र किया था.
भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि
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रिज़र्व बैंक जल्द ही विशिष्ट उपयोग के मामलों के लिए डिजिटल रुपया (e₹) का पायलट लॉन्च शुरू करेगा. डिजिटल रुपया का - थोक सेगमेंट (e₹-W) में पहला पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर, 2022 से शुरू होगा.
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ई-रुपए के उपयोग से अंतर-बैंक बाजार को और अधिक कुशल बनाने की उम्मीद है. आगे जाकर, अन्य थोक लेन-देन, और सीमा-पार भुगतान इस पायलट प्रोजेक्ट से मिली सीख के आधार पर तय होगी.
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पायलट प्रोजेक्ट में भाग लेने के लिए भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी जैसे नौ बैंकों की पहचान की गई है.
यह क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग होगा?
CBDC एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, लेकिन इसकी तुलना निजी वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी से नहीं की जा सकती है, जो पिछले एक दशक में बढ़ी है. निजी डिजिटल करेंसी किसी व्यक्ति के लोन या देनदारियों को नहीं दिखाती हैं, क्योंकि इसका कोई जारीकर्ता नहीं होता है.
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सरकार पहले ही कह चुकी है कि निजी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा (legal tender) नहीं होगी. आरबीआई निजी क्रिप्टोकरेंसी का कड़ा विरोध कर रही है क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव डाल सकते हैं. जबकि आरबीआई द्वारा जारी की जा रही डिजिटल करेंसी में ऐसा नहीं है.