भारत में किसान रेल की शुरूआत का एक साल पूरा हो रहा है, यह रेल किसानों के जीवन में समृद्धि लाने वाली सबसे बड़ी गेम चेंजिंग पहल साबित हुई है. कृषि उपज के लिए बड़े और नए बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित करना, त्वरित परिवहन, शून्य अपव्यय, 50% सब्सिडी के साथ, किसान रेल महाराष्ट्र के किसानों के लिए समृद्धि, खुशी और आशा लेकर आई.
पिछले साल में, 7 अगस्त 2021 को पहली किसान रेल की शुरुआत के बाद से, मध्य रेल द्वारा किसान रेल की 486 ट्रिप्स में 1,62,881 टन फल, सब्जियों तथा खराब होने वाले जैसे कृषि उत्पादों का परिवहन किया गया.
देवलाली से दानापुर तक भारत की पहली किसान रेल 7 अगस्त 2020 को शुरू हुई और इसे आगे मुजफ्फरपुर तक बढ़ा दिया गया. बाद में, सांगोला से किसान लिंक रेल को किसान रेल से जोड़ा गया और इसे साप्ताहिक रूप से चलाया गया. अच्छे प्रतिसाद से उत्साहित और महाराष्ट्र के किसानों के लाभ के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में समयबध्द 5 और सेवाएं शुरू की गईं, जिसमें एक सप्ताह में कुल 11 ट्रिप शामिल थे.
किसानों के जीवन को प्रभावित करते हुए, बड़े बाजारों के साथ अच्छा राजस्व उपज, उपज के लिए अच्छी कीमत, त्वरित परिवहन, न्यूनतम अपव्यय, किसान रेल ग्रामीण महाराष्ट्र के लोगों के लिए विकास और समृद्धि का इंजन बन गया है.
किसान रेल की लोकप्रियता और उच्च मांग के परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे ने मांग आधारित किसान रेल की शुरुआत की है.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) की 'ऑपरेशन ग्रीन्स - टॉप टू टोटल' योजना के तहत किसान रेल ट्रेनों की सेवाओं के माध्यम से फलों और सब्जियों के परिवहन पर माल ढुलाई में 50% सब्सिडी दी जाती है.
इस सब्सिडी योजना के लागू होने के बाद से (14 अक्टूबर 2020 से प्रभावी) 5 अगस्त, 2021 तक. किसान रेल का पंढरपुर, सांगोला, माधा, कुर्दुवाड़ी, बरसी, मालशीरस, आसपास के क्षेत्रों के छोटे किसानों के जीवन में बदलाव दिखाई दे रहा है.
बेलवंडी, अहमदनगर, बेलापुर, राहुरी, कोपरगांव, शिरडी, मोडलिंब, जेउर, येओला, वरुद ऑरेंज सिटी, कटोल, पांडुरना, नरखेर, हिंगणघाट, कावेठे, महाकाल, बडनेरा, कमलेश्वर, लासलगांव, सावदा और निफड़, उस्मानाबाद और लातूर जिलों में फूल उगाने वाले किसान भी अपने फूल कुर्दुवाड़ी से बाजारों में भेज रहे थे.
किसान रेल ट्रेन के माध्यम से परिवहन की जाने वाली मुख्य फसलों या कृषि उत्पादों में अनार, अंगूर, संतरा, केला, नींबू, टमाटर, कस्टर्ड सेब, अमरूद, प्याज, आलू, शिमला मिर्च, चीकू, गाजर आदि शामिल हैं.
छोटे स्टेशनों पर हाल्ट के कारण किसान रेल ने छोटे और सीमांत किसानों को समृद्ध किया. सांगोला, जेउर, राहुरी, कोपरगाँव, येओला, निफाड़ जैसे छोटे स्टेशन, फल और सब्जी लोडिंग हब बन गए हैं.
मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री अनिल कुमार लाहोटी ने छोटे स्टेशनों से किसान रेल के परिचालन में अपनी प्रतिबद्धता के लिए टीम रेलवे के प्रयासों की सराहना की है, जिससे हजारों किसान परिवारों के जीवन में खुशहाली व समृद्धि आई है.
नोट - यह प्रेस विज्ञप्ति जनसंपर्क विभाग, मध्य रेल, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस मुंबई द्वारा जारी की गई है.