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Updated on: 8 August, 2022 6:16 PM IST
Narendra Singh Tomar

उत्तर प्रदेश के चंदौली में इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल का केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वर्चुअल शिलान्यास किया. इस अवसर पर तोमर ने कहा कि खेती को उन्नत बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर चौतरफा काम कर रही हैं. भविष्य में कृषि क्षेत्र को और तेजी से आगे बढ़ाने के लिए पढ़े-लिखे युवाओं का इस तरफ उन्मुख होना जरूरी है.

योगी के राज में कृषि क्षेत्र में हुआ बेहतर विकास

मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रसन्नता जताई कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र सहित विभिन्न सेक्टरों में दिनों-दिन प्रगति हो रही है और उत्तर प्रदेश देश के विकास में भी बेहतर योगदान दे रहा है. तोमर ने इस बात पर भी खुशी व्यक्त की कि केंद्र सरकार की योजनाओं पर उ.प्र. सरकार बहुत अच्छे से अमल कर रही है तथा जैविक व प्राकृतिक खेती में भी उ.प्र. ने  तेजी से कदम बढ़ाए है.

कृषि मंत्री ने कृषि क्षेत्र में नया आयाम किया स्थापित

केंद्रीय कृषि मंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि उ.प्र. आने वाले समय में कृषि के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करेगा. उ.प्र. जिस तरह से सांस्कृतिक विरासत और ज्ञान-विज्ञान की दृष्टि से देश का मार्गदर्शन करता रहा है, उसी तरह कृषि के विकास में भी देश को और आगे तक ले जाएगा. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चंदौली क्षेत्र के लिए आज ऐतिहासिक अवसर है. आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर एक नया आयाम जुड़ रहा है. यह सेंटर राज्य सरकार के प्रयत्नों का प्रतिफल है. इसकी स्थापना जिले के विकास में अहम भूमिका निभाएंगी. साथ ही के आसपास के जिलों और बिहार बॉर्डर के जिलों में भी यह कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम साबित होगा. खेती-बाड़ी के जरिए तरक्की करने के तमाम नए अवसर पैदा होंगे. खेती के आधुनिकतम तरीकों का प्रयोग करके किसान बेहतर उपज हासिल कर सकेंगे.

कृषि क्षेत्र में टेक्नालॉजी का करें उपयोग

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि निरंतर आगे बढ़े व उत्पादन की गुणवत्ता वैश्विक मानकों के अनुसार हो, इस दिशा में टेक्नालॉजी का उपयोग करके आगे बढऩा है. खेती के प्रति भविष्य की पीढिय़ों को आकर्षित करने के लिए खेती को परिमार्जित करना होगा. महंगी फसलों की ओर जाना, टेक्नालॉजी का उपयोग,डिजीटल एग्रीकल्चर मिशन,  एफपीओ का लाभ उठाना, नेचुरल फॉर्मिंग व आर्गेनिक फार्मिंग अपनाने पर हम सभी को गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है. हम सब मिलकर अपनी प्राथमिकता और दायित्वों को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे. कार्यक्रम को चंदौली के सांसद और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री  महेंद्र नाथ पांडेय, उ.प्र. के कृषि मंत्री  सूर्य प्रताप शाही, उद्यानिकी राज्य मंत्री  दिनेश प्रताप सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया.

भारत-इजरायल कार्य योजना बागवानी क्षेत्र को देगा बढ़ावा

भारत-इजरायल कार्य योजना (आईआईएपी) के तहत, इज़राइल द्वारा इज़राइली विशेषज्ञों के माध्यम से प्रौद्योगिकी प्रदान की जाती है,जिन्हें प्रदर्शित करने की दृष्टि से अवसंरचना निर्माण के लिए राशि एमआईडीएच से उपलब्ध कराई जाती है. इज़राइली प्रौद्योगिकियों के आधार पर राज्यों में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित किए जा रहे हैं. ये उत्कृष्टता केंद्र बागवानी क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के लिए प्रदर्शन व प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करते हैं. ये संरक्षित खेती के लिए फलों व सब्जियों की पौध के लिए रोपण सामग्री के स्रोत के रूप में भी काम करते हैं.

इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल की स्थापना चंदौली जिले के साथ-साथ पूर्वांचल के विकास में भी अहम भूमिका निभाएंगी. यहां उन्नत सब्जियों के बीज और पौधे तैयार कर किसानों को वितरित किए जाएंगे. किसान अपने लिए पौधों का विकास स्वयं भी प्रायोजित कर सकते हैं. किसानों को सब्जियों की पैदावार को बढ़ाने में काफी लाभ मिलेगा. खेती के आधुनिकतम तरीकों का प्रयोग कर किसान बेहतर उपज हासिल कर सकेंगे और सब्जियां निर्यात भी कर सकेंगे. इस उत्कृष्टता केंद्र से कृषि क्षेत्र को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए सब्जियों सहित अन्य कृषि उत्पादों की नर्सरी तैयार की जाएगी. इससे न सिर्फ यहां के किसानों को फायदा होगा बल्कि सब्जी और कृषि के क्षेत्र में जिले का नाम दुनियाभर में होगा.

सरकार की मंशा है कि धान व गेहूं के उत्पादन में अग्रणी जिले को सब्जी उत्पादन में भी बेहतर बनाया जा सके. उ.प्र. के चावल के कटोरे के रूप में पहचान रखने वाले चंदौली जिले की जलवायु सब्जियों के उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए उपयुक्त है. राज्य में 9 कृषि-जलवायु स्थिति क्षेत्र हैं, जो वर्ष भर विभिन्न बागवानी फसलों की खेती के लिए अनुकूल रहते हैं. सब्जियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र में टमाटर, काली मिर्च, बैंगन, मिर्च, खीरा, कोल फसल व विदेशी सब्जियों का हाई टेक क्लाइमेट कंट्रोल्ड ग्रीन हाउस में सीडलिंग उत्पादन किया जाना प्रस्तावित है, वहीं खुले मैदान में टमाटर, काली मिर्च, बैंगन, मिर्च, खीरा, कोल फसल, बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न व विदेशी सब्जियों की खेती प्रस्तावित है. खुले में सूक्ष्म सिंचाई के साथ-साथ फर्टिगेशन व केमिगेशन सिस्टम के साथ खेती का परीक्षण-प्रदर्शन किया जाएगा. टपका, फव्वारा सिंचाई, अन्य प्लास्टिक कल्चर अनुप्रयोगों की स्थापना का प्रदर्शन भी होगा.  

English Summary: Center and states are working together to upgrade agriculture- Narendra Singh Tomar
Published on: 08 August 2022, 06:20 PM IST

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