भारत में जैविक खेती को लेकर गंभीरता से कदम उठायें जा रहे हैं. लोगों में रसायन मुक्त उत्पादों के सेवन को लेकर जागरूकता बढ़ती जा रही है जिसके कारण जैविक तरीके से उत्पादन में देशभर की बड़ी कंपनिया अपना हाथ आजमा रही हैं. भारत ही नहीं अन्य देश भी जैविक उत्पादों का भरपूर सेवन कर रहे हैं और कोरोंना काल के बाद तो इन उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है.
इसी कड़ी में जैविक उत्पादों में एक बड़ी क्रांति का नाम है बायोफेक इंडिया का जो हर साल जैविक उत्पादों से जुड़े उद्योगों को एक बड़ा मंच प्रदान करता है. इस वर्ष भी बायोफेक इंडिया ने नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में एक बड़ी बायो मेले का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन एपीडा के चेयरमैन डॉ एम अंगमुथु ने किया. इस जैविक मेले में भारत और दुनिया भर से 200 से भी अधिक कम्पनी ने हिस्सा लिया.
इस दौरान जैविक तरीके से तैयार किये गए उत्पाद चाय, कॉफ़ी, मसाला, चॉकलेट, सौंदर्यउत्पाद सहित जैविक तरीके से उगाई गई फल व सब्जियों की प्रदर्शनी शामिल रही. व्यापार मेले में कुछ प्रमुख संगठनों में नाम शामिल थे.
हिमाचल से आयुष हर्ब्स, सम्शारा, जस्ट ऑर्गेनिक, रेडिको, गोल्डन मिलेट्स, नारिश आर्गेनिक, हिमशक्ति, ग्रेनप्रो, सहित कई बड़े ब्राण्ड ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया.
प्राचीन पद्धति से तैयार आयुर घी ने खीचा आकर्षण
इस मेले में सम्शारा ब्राण्ड के घी ने लोगों का आकर्षण अपनी तरफ खींचा. कम्पनी का कहना है कि इस घी को प्राचीन आयुर्वेद पद्धति के तरीके से तैयार किया गया है. जबकि इस घी को निकलने के लिए मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग किया गया है. इसमें गैस नहीं बल्कि प्रचीन तरीके से गाय के गोबर से बने कंडो को जलाकर मक्खन से घी निकाला गया है. जिसमें अश्वगंधा, सतावरी जैसे औषधि को मिलकर आयुर घी तैयार किया गया है. सबसे खास बात इसकी यह है कि यह कम्पनी की अपनी पशु शाला के दूध से बना है जिनको खाने में जैविक तरीके से उगाया गया चारा ही खिलाया जाता है.
फूटी गुजरात की मसाला चाय की महक
इस मेले में गुजरात की एक कम्पनी ने मसाला चाय के अरोमा को एक लिक्विड फॉर्म में तैयार किया और मात्र एक ड्राप से आपकी पसंदीदा मसाला चाय तैयार हो जाएगी. इस नए कांसेप्ट को भी लोगों ने जमकर सराहा. इसमें इलाइची, अदरक, लौंग व मुलेठी के रस को जैविक तरीके से तैयार किया गया है.
जैविक नूडल भी खूब लुभाए
इस मेले में जैविक तरीके से बने नूडल भी लोगों को खूब पसंद आए. ये नूडल्स मिल्टेस से तैयार किये गए हैं. कई बड़ी कम्पनी ने मिलेट्स से बने उत्पादों को अपने स्टाल पर प्रस्तुत किया, जिनमें नूडल्स काफी पसंद किये गए. इन नूडल्स में मसालें भी ऑर्गनिक तरीके से तैयार किये गए. यानि सेहत भी और स्वाद भी दोनों का तालमेल इस मेले में देखने को मिला.
नागालेंड की मिर्ची और टमाटर ने दिया तड़का
इस मेले में नागालैंड के कृषि महकमे के द्वारा एक स्टाल लगाया गया, जिसमें एफपीओ से जुड़े किसानों के उत्पादों व फल सब्जियों व बीजों को दर्शाया गया. इनमें नागालैंड की तीखी मिर्ची और टमाटर लोगों द्वारा पसंद किये गए. आलम ये था कि मेले के आखिरी दिन से पहले ही सभी सब्जियां व अन्य उत्पाद बिक गए और किसानों को प्री ओर्डर भी मिलने लगें. नागालैंड के किसानों ने बताया कि इन फल व सब्जियों को एफपीओ के माध्यम से उगाते हैं और ये पूरी तरह ओर्गानिक हैं.
मणिपुर के किसानों ने ट्रेड शो में लिया हिस्सा
इस बायोफेक इंडिया ट्रेड शो में मणिपुर के 11 किसान उत्पादक कम्पनियों ने हिस्सा लिया. इसमें मणिपुर ऑर्गेनिक मिशन एजेंसीके परियोजना निदेशक देबदत्त शर्मा, मृदा संरक्षण, मणिपुर और परियोजना अधिकारी सौबम डोनाल्ड सिंह ने बताया कि मणिपुर से इस ट्रेड शो में हिस्सा लिया, इनमें मणिपुर से मकेम, नपम एफपीसी और केसेनबिल एफपीसी, इंफाल पूर्व से सनमही एग्रो फूड, कांगपोकपी से खविजू एफपीसी, थान थान एफपीसी, खुगा हिल्स एफपीसी और चुराचंदपुर से ज़ौटांग एफपीसी, फेरज़ावल से मनमासी एफपीसी और रुमरिल एफपीसी शामिल है.
भारत जैविक उत्पादों का बड़ा निर्यातक
आपको बता दें कि भारत ने लगभग 3496800.34 मीट्रिक टन (2020-21) प्रमाणित जैविक उत्पादों का उत्पादन किया, जिनमें खाद्य उत्पादों की सभी किस्मों जैसे तिलहन, फाइबर, गन्ना, अनाज और बाजरा शामिल हैं, इसके अलावा कपास, दालें, सुगंधित और औषधीय पौधे, चाय, कॉफी, फल, मसाले, सूखे मेवे, सब्जियां, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ आदि शामिल हैं. उत्पादन केवल खाद्य क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है, बल्किजैविक कपास फाइबर, कार्यात्मक खाद्य उत्पादों आदि का उत्पादन करता है.
2020-21 के दौरान भारत ने 888179.68 मीट्रिक टन का जैविक उत्पादों का निर्यात किया था. जिनमें लगभग 707849.52 लाख (1040.95 मिलियन अमरीकी डालर) का व्यापर शामिल है. इनमें अधिकतर जैविक उत्पाद संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन, कोरिया गणराज्य, इज़राइल, स्विट्जरलैंड, इक्वाडोर, वियतनाम,ऑस्ट्रेलिया आदि को निर्यात किए जाते हैं.
कोरोना माहामारी ने लोगों को जैविक विकल्पों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया है, जिसके कारण भारत के जैविक खाद्य बाजार में भी वृद्धि देखी गई है, जिसका बाजार आकार 2020 में 820 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जोकि 2018 में लगभग $200 मिलियन ही था. उम्मीद की जा रही है कि यह 2026 तक 24 फीसदी तक बढ़ सकता है