आज के समय मे राशन कार्ड भी आधार कार्ड की तरह एक जरुरी डॉक्यूमेंट हो गया है. इससे आम जनता को बहुत फायदे मिल रहे हैं. राशन कार्ड के जरिये गरीबी रेखा के अंतर्गत लोगों को फ्री में राशन दिया जाता है, ताकि हर गरीब को उनके जीवन यापन करने के लिए पर्याप्त राशन मिलता रहे, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो इन सुविधाओं का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं.
ऐसे ही एक खबर बिहार से आई है. यहाँ 3 लाख राशन कार्ड संदेह के घेरे में हैं. आइए आपको बताते हैं कि क्या है ये पूरी खबर.
बिहार जिले में कई लोगों के नाम राशन कार्ड (Ration card ) से हटा दिए गये हैं, क्योंकि एक ही राशन कार्ड पर 20 से ज्यादा पारिवारिक सदस्यों के नाम पाए गये हैं. जिसके कारण राज्य के 3 लाख से अधिक राशन कार्ड रद्द किये गये.
वहीँ इस खबर को जान खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग (Food and Consumer Protection Department ) ने ऐसे परिवारों के सत्यापन का निर्देश दिया है और सभी जिलों को कहा गया है कि यदि पारिवारिक सदस्यों का सत्यापन नहीं होता है, तो ऐसे राशन कार्ड को रद्द कर दिया जाए. मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में लगभग 10 हजार राशन कार्ड ऐसे हैं, जिनपर पारिवारिक सदस्यों की संख्या 20 से 35 तक है. ओएसडी संगीता सिंह ने सभी जिलों को निर्देश जारी किया है.
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कालाबाजारी की आशंका (Fear Of Black Market)
एक कार्ड पर अधिक संख्या में पाए जाने वाले परिवार के नाम की वजह से पूरा मामला खाद्यान्न की कालाबाजारी के शक के घेरे में आ गया है. आज के समय में एक ही परिवार में 20 सदस्यों होना एक आश्चर्य की बात है. ऐसे में आशंका में घिरे इन राशन कार्ड की जांच के लिए निर्देश दिए गये हैं.
प्रवासियों के नाम पर दो-दो राशन कार्ड भी रद्द (Cancellation Of Two Ration Cards In The Name Of Migrants)
विभाग की तरफ से की गयी जाँच में बड़ी संख्या में राज्य के निवासी के नाम राशन कार्ड दो – दो राज्यों में पाए गये हैं, जिन्हें रद्द करने के आदेश दिए जा रहे हैं. इसके अलावा एसडीओ को ऐसे सभी राशन कार्डधारियों के सत्यापन का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा है कि जांच कर ला जाए कि लाभार्थी परिवार वास्तव में कहां रह रहे हैं. यदि परिवार यहां नहीं रह रहा है, तो उसका राशन कार्ड रद्द किया जाए.