सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 24 May, 2022 5:42 PM IST
Bihar famous litchi

भारत के बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले की लीची के बारे में भला कौन नहीं जानता. यहां से हर साल हजारों टन लीची विदेशों तक भेजी जाती है. यहां तक की भारत व दूसरे देशों के प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक मुजफ्फरपुर की लीची का स्वाद चखते हैं. लेकिन चल रही खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि इस बार लीची पर मौसम की मार पड़ सकती है.

क्या लीची के लिए बारिश बनेगी आफत?

आमतौर पर पेड़ों से लीची को मई महीने में उतार दिया जाता है यानी लीची की तुड़ाई इसी महीने तक खत्म कर दी जाती है. लेकिन इस बार मुजफ्फरपुर में 15 मई के बाद से लीची की तुड़ाई का काम चल रहा है, जिसके बाद बीते रविवार यानी की 22 मई तक बस 40 प्रतिशत ही लीची की तुड़ाई हो सकी है. ऐसे में देखा जाएं तो अभी भी पेड़ों पर 60 प्रतिशत शाही लीची का फल लगा हुआ है. अब किसानों को चिंता सता रही है कि अगर इस दौरान बारिश हो गई तो फिर पेड़ों पर लगे लीची के फलों को भारी नुकसान होगा. किसानों का कहना है कि तेज बारिश से जहां लीची के फल फटने लगेंगे तो वही इसके साथ कीड़े लगने की संभावना भी बढ़ जायेगी.

लीची हवाई जहाज से पहुंचेगी विदेशों तक

अब बस बिहार के लोग ही नहीं बल्कि मुजफ्फरपुर की रसभरी शाही लीची का स्वाद विदेशों के लोग भी चखेंगे. जी हां... इस बार बिहार की लीची को 20 मई से ही हवाई जहाज से महानगरों तक पहुंचाने का काम किया जाने लगा हैं. बता दें कि बिहार लीची उत्पादक संघ से एयर कंपनी ने करार किया है, जिसके माध्यम से दरभंगा एयरपोर्ट से होकर बिहार की लीची दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद समेत कई महानगरों तक पहुंचाई जायेगी.

ये भी पढ़ें:लीची की खेती करने का तरीका और लाभ

स्पाइसजेट कंपनी के करार के अनुसार, इन महानगरों में हर रोज 40 रुपये प्रति किलो भाड़ा के हिसाब से छह टन लीची भेजी जायेगी. ऐसे में किसान 16 जून तक हवाई जहाज से अपनी लीची को दूसरे महानगरों तक पहुंचा पायेंगे.

किसानों को होगा डबल मुनाफा

बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद के मुताबिक, हवाई जहाज से लीची भेजने से किसानों और व्यवसायियों को फायदा होने की उम्मीद है. हवाई जहाज से लीची पहुंचाने को लेकर उन्होंने कहा कि इससे लीची एक दिन में ही दूसरे जगहों तक पहुंच जायेंगी, जिससे लीची ताजा रहेगी. ऐसे में बाजार में इसके दाम ज्यादा मिलेंगे, पहले ट्रेन या ट्रक से लीची पहुंचाने पर इसके खराब होने की संभावना ज्यादा रहती थी. किसानों का भी कहना है कि उनकी लीची के दाम उनके जिले से ज्यादा दूसरे राज्यों में मिलते हैं.

English Summary: Bihar-Litchi-export
Published on: 24 May 2022, 05:47 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now