मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों को बड़ी राहत दी है. दरअसल, शिवराज कैबिनेट ने लघु और सीमांत किसानों के साथ भूमिहीन कृषि श्रमिकों का वह कर्ज माफ़ करने का फैसला किया है जो गैर लाइसेंसी साहूकारों से लिया गया है. मंगलवार को सरकार ने मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने ग्रामीण ऋण विमुक्ति विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है. बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार आदिवासियों का कर्ज माफ करने का कानून बना चुकी है.
राष्ट्रपति को भेजेंगे
मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना हैं कि मंत्रीमंडल से ग्रामीण ऋण विमुक्ति विधेयक के मसौदे को मंजूरी मिल चुकी हैं. अब अनुमति के लिए इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा. इसके बाद असेंबली से विधेयक होने के यह लागू हो जाएगा. राज्य सरकार के इस नए फैसले से राज्य के 1 करोड़ से अधिक लघु और सीमान्त किसानों को फायदा मिलेगा. बता दें कि मध्य प्रदेश में तकरीबन 67 फीसदी छोटे किसान हैं. अब इन किसानों को गैर-लाइसेंसी साहूकारों से लिया गया कर्ज और ब्याज नहीं देना पड़ेगा. साथ ही किसानों से कर्ज और ब्याज मांगना गैर कानूनी घोषित हो जाएगा.
कई साहूकारों पर हो चुकी है कार्रवाई
बता दें कि इससे पहले राज्य के कई क्षेत्रों में कार्रवाई हो चुकी हैं. छतरपुर जिले के फुटवारी गांव में इसी तरह का मामला सामने आया था जिसमें कलन बाई की शिकायत पर साहूकार गोविंद सिंह पर कार्रवाई की गई था. बता दें लगातार साहूकार की धमकी के बाद कलन बाई ने कीटनाशक दवा पी ली थी. जिसके बाद मामला दर्ज किया गया था. वहीं बड़वानी जिले के आंवली गांव में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था जिसमें किसान दिनेश ने सूदखोर द्वारा लगातार परेशान किए जाने के बाद पांच साल पहले सुसाइड कर लिया था. दिनेश ने अपने सुसाइड नोट में सूदखोर खड़गसिंह तथा एक महिला द्वारा परेशान करने की बात लिखी थी जिसके बाद प्रकरण दर्ज किया गया था.