ऐसे आलम में जब लगातार कोरोना वायरस का कहर (Corona virus) अपने चरम पर पहुंचने को आतुर नजर आ रहा है. लगातार संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं, तो ऐसे में लोगों के जेहन में एक बार फिर से संपूर्ण लॉकडाउन (Lockdown) सहित आर्थिक चुनौतियों को लेकर चर्चा का बाजार अच्छा खासा गरमा गया है. अब ऐसे में सभी की निगाहें सरकार पर टिकी हुई है कि आखिर वे अब अगला कदम कौन-सा उठाने जा रहे हैं. इसी बीच खबर है कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बड़ा फैसला लिया है. आरबीआई गवर्नर ने अपनी नीतिगत दरों को न बदलने का फैसला किया है.
कितनी रहेगी रेपो रेट
यहां हम आपको बताते चले कि रेपो रेट 4 प्रतिशत यथावत बनी रहेगी. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वृद्धि को समर्थन देने सहित मुद्रास्फीति को अपने स्तर पर बनाए रखने हेतु इस तरह का फैसला लिया गया है.
आरबीआई गर्वनर ने क्या कहा है?
वहीं, इस अपर्वतित रेपो रेट को लेकर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई के इस फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. शक्तिकांत दास ने कहा कि मौजूदा समय की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए हमें कोरोना वायरस के कहर को कम करने की दिशा में उचित कदम उठाने होंगे और इसके साथ ही आर्थिक समस्याओं को विकराल होने से रोका जाए इस दिशा में भी हमें कदम उठाने की जरूरत हैं.
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में मौद्रिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2021022 के लिए आर्थिक विकास दर को 10.5 फीसद पर बरकरार रखा है. खैर, अब इसका आगामी दिनों में आर्थिक स्थिति पर क्या कुछ असर पड़ता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.