देश की बढ़ती हुई जनसंख्या के मद्देनजर खाद्य समस्या को हल करने के लिए हाईटेक खेती करना बहुत जरुरी है. इसके लिए उन्नत किस्म के बीज के साथ रासायनिक खाद, जैविक खाद, कीटनाशक तथा पानी की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ समय पर कृषि कार्य करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का होना बहुत जरुरी है. इस आधुनिक युग में कृषि कार्य समय से करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों से करना ही संभव है, जैसे जुताई, बुवाई, सिंचाई, कटाई, मड़ाई एवं भंडारण आदि. कुछ इसी तरह के यंत्रों और बीजों का इस्तेमाल करके यूपी के एटा के जिला कारागार में कैदी हाईटेक खेती कर हाईटेक किसान बन गये हैं.
दरअसल एटा जिला कारागार के कैदियों ने जैविक तरीके से खेती करने का प्रशिक्षण लेने के बाद जैविक तरीके से शानदार खेती की है. जो अब रंग लाई है. कैदी अपनी फसल को देख जहां खुशी से फूले नहीं समा रहे है वहीं आलू की बड़ी तादात में उत्पादन को देख जेल के सभी अधिकारी भी उनकी मेहनत को सराह रहे हैं. गौरतलब है कि जैविक खेती के द्वारा की गयी आलू की फसल में एक आलू का वजन औसतन 1 किलो तक है. आलू का नाम 'सीएम' नाम दिया है.
बता दे कि सीएम आलू की फसल पूरे जिलों में किसानों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है. हाईटेक किसान बने कैदी विभिन्न आपराधिक मामलों में सजा काट रहे है लेकिन अब ये कैदी किसान बन गये हैं. जिला कारागार के करीब 5 एकड़ जमीन पर ये 25 से 30 कैदी प्रतिदिन 5 से 6 घंटे खेती कर थे और उनकी मेहनत रंग लाई है. 'सीएम' आलू की अच्छी पैदावार देखकर कैदी बहुत खुश हैं. वहीं, भारी मात्रा में आलू की पैदावारी से कैदियों के लिए अब बाहर से आलू मंगाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. 'सीएम' आलू स्वास्थ्य की दृष्टि से और खाने में भी बेहद स्वादिष्ट हैं.