किसान का काम है खेती-बाड़ी, वह रबी, खरीफ और जायद की फसल मौसम के अनुसार ही फसलों का चुनाव करता है और अपनी मेहनत को खेत में झोंक देता है! गेहूं, धान, फल और सब्जी दालें तथा मसालों के अतिरिक्त कपास आदि की उपज करके पैसा कमा रहे है.
किसानो को अपनी मेहनत का उचित दाम मिल सके इसलिए मौजूदा सरकार और कई ऐसी संस्थाएं ऐसे प्रयास कर रही हैं की अपनी परम्परागत खेती किसानी में फसलों के उत्पादन के अतिरिक्त ऐसी फसल पर ध्यान दें जिनमे उतनी ही मेहनत में लाभ अधिक हो.
माल्ट जौ का उत्पादन एक ऐसी फसल है जिसमे किसान का पूरा उत्पाद कई चुनिंदा फर्मो दवारा ख़रीदा जाता है और वे फर्मे ही उनसे अपनी जरूरत के अनुसार ही उत्पादन कराती हैं इसका भुगतान भी जल्दी ही कर दिया जाता है जिस से किसान की दिलचस्पी फसल उत्पादन में रहती है और वे अपनी मेहनत का उचित मूल्य भी पा जाते हैं! माल्ट बाजार हर साल बढ़ रहा है! माल्टिंग जौ का बहुत अच्छा विकास हो रहा है कयोंकि माल्टिंग उद्योगों के लिए अच्छी गुणवत्ता दे ऐसी नई सुधारित माल्टिंग जौ की किस्मों का विकास हुआ है.
गेहूं की तुलना में कम सिंचाई की आवशयकता है. इसलिए अधिक जमीन पर जौ की खेती कर सकते हैं! जौ की फसलों को उन्नत गुणवत्ता के साथ उच्च उपज देने वाली किस्मे अब उपलब्ध हैं! दक्षिण राजस्थान वाणिज्यिक शाखा कोटा में सूफले माल्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जो सूफले माल्टिंग खेती का कार्यक्रम चलाता है.
सूफले अनाज के व्यापार और पसंस्करण में कुशल फ्रेंच कृषि व्यवसायिक कंपनी है. सूफले समूह के यूरोप, एशिया और दक्षिण अमरीका में 51 कारखाने हैं यह वैश्विक माल्टिंग में अग्रणी है और यूरोपीय मिलिंग में नंबर एक है.
माल्टिंग जौ भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रोसेसिंग फसल के रूप में बढ़ रही है, जौ के उच्च पौष्टिक तत्वों के कारन पीड़ी दर पीड़ी इसे दुनिया भर में सराहा गया है! अधिकांश कृषि जिंस की तरह जौ के दो प्रमुख प्रकार हैं:
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पशु चारा के लिए
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प्रोसेसिंग मतलब माल्ट के लिए
यह सब जानते हैं की जब कृषि जिंस पर वाणिजियक ध्यान केंद्रित हो जाता तो उसका महत्व बढ़ जाता है और उससे फायदे के काफी रास्ते खुल जाते हैं. अब तक भारत में पुराने और कम उपज देने वाली किस्मों से ज्यादातर पशुचारा जौ का उत्पादन लिया जाता है. यह किस्मे किसान, माल्टिंग कम्पनिया या ब्रुवार्स के लिए अच्छी नहीं हैं.
सूफले फ़्रांस अपने नियमित ग्राहकों को दुनिया भर में अच्छी गुणवत्ता माल्ट का निर्यात करता है.
सूफले का अलवर राजस्थान में एक माल्टिंग कारखाना है और वह अपने नियमित ग्राहकों को इसके उत्पाद बेचता है.
हाड़ोती क्षेत्र में कंपनी 3000 से अधिक किसानो के साथ वर्ष गाठ 2017 से काम कर रही है! अच्छी गुणवत्ता के बीज, कीटनाशक और खेती सलाह प्रदान की है! कंपनी ने पूरी पारदर्शिता और तुरंत भुगतान के साथ उनकी नजदीकी स्थानों पर उनके माल्टिंग जौ बेचने की सुविधा उपलबध कराई.
माल्टिंग जौ की खेती की लागत गेहूं की तुलना में कम है! माल्टिंग जौ के उत्पादन के लिए उद्योगों और किसानो के बीच दीर्घकालिक सम्बन्ध पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरयाणा, और राजस्थान में एक दशक से अधिक सफल रहे हैं.
किसानो को उनकी फसल उत्पादन और उनके विपणन के अवसरों में विविधता देने में माल्टिंग जौ सफल रहा है. बुवाई से पहले किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य सूफले सही मायने में किसानो के लिए प्रतिबद्ध हैं. वह पिछले 116 वर्षों से किसानो के लिए और उनके साथ विश्वभर में काम करने का अनुभव है.