हाल ही में केरल, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश राज्यों में पोल्ट्री, कौवों, प्रवासी पक्षियों की अचानक मौतों की घटनाओं के मद्देनजर एवियन इन्फ्लू्एंजा फैलने की स्थिति को समझने और राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को इस बीमारी के नियंत्रण, रोकथाम और प्रसार को रोकने के उपाय सुझाने के लिए सचिव, पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार की ओर से राज्यों के साथ बैठक बुलायी गई.
हरियाणा,राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल और हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू फैलने की पुष्टि
खबरों के मुताबिक, अब तक, केरल, हरियाणा,राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में एवियन इन्फ्लू्एंजा बीमारी के फैलने की पुष्टि हुई है. इसके मद्देनजर केरल के प्रभावित जिलों में पक्षियों को मारने की कार्रवाई जारी है.
मृत पक्षियों के शवों का किया जा रहा उचित निपटान
इसके अलावा इस बात पर बल दिया गया है कि जलाशयों, पक्षियों के बाजारों, चिडि़या घरों, पोल्ट्री फार्म्सी, आदि के आसपास निगरानी बढ़ाने के साथ-साथ मृत पक्षियों के शवों का उचित निपटान करने तथा पोल्ट्री फार्स्श में जैव-सुरक्षा को मजबूत बनाना सुनिश्चित किया जाए.
एवियन इन्फ्लूएंजा से निपटने के लिए रहें तैयार
राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे एवियन इन्फ्लूएंजा की किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें. राज्यों से पीपीई किट्स और पक्षियों को मारने की कार्रवाई के लिए आवश्यक सामान का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने को भी कहा गया है.
राज्य पशुपालन विभागों से नमूनों को एकत्र करने का दिया गया निर्देश
खबरों के मुताबिक, इस बीमारी की स्थिति पर पैनी नजर बनाए रखने और मनुष्यों में इसके फैलने की आशंकाओं को टालने के लिए राज्य पशुपालन विभागों से नमूनों को एकत्र करने और उन्हें समय पर निर्धारित प्रयोगशालाओं (आरडीडीएल/सीडीडीएल/आईसीएआर-एनआईएचएसएडी) में जमा कराने के अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ प्रभावी सम्पर्क और तालमेल सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया गया है. वन क्षेत्रों और जलाशयों के आसपास पाए जाने वाले प्रवासी पक्षियों की असामान्य मौतों के बारे में तत्काल जानकारी देने के लिए राज्य वन विभाग के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने पर भी बल दिया गया है.
पोल्ट्री किसानों और आम जनता के बीच फैलाया जाएगा जागरूकता
पोल्ट्री किसानों और आम जनता (अंडे और चिकन के उपभोक्ताओं) के बीच इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना सबसे ज्यादा महत्वापूर्ण है. इसलिए राज्यों से कहा गया है कि अफवाहों से प्रभावित उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाओं को शांत किया जाए तथा इस बारे में जागरूकता बढ़ायी जाए कि उबालने/पकाने जैसी प्रक्रियाओं को अपनाने पर पोल्ट्री या पोल्ट्री उत्पाद सुरक्षित हैं.