जैविक खेती को दिन प्रतिदिन बढ़ावा दिया जा रहा है. कृषि वैज्ञानिकों के साथ-साथ सरकार का भी यहीं मानना है कि अगर किसान जैविक खेती की तरफ रूख करते हैं, तो इससे फसल का उत्पादन और गुणवत्ता बेहतर होगी.
कहा जाता है कि रासायनिक खाद से फसलों की उत्पादन क्षमता घटती है, साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता घटने की समस्या बढ़ती है. ऐसे में देखा जा रहा है कि अधिकतर किसानों का जैविक खाद की तरफ रुझान बढ़ रहा है.
आजकल कई किसान जैविक खाद का इस्तेमाल फसलों में करने लगे हैं, इसलिए किसानों के लिए सब्सिडी व नि:शुल्क जैविक खाद भी उपलब्ध कराई जा रही है. इसके चलते ही उत्तर प्रदेश के मुराबाद में धान की फसल के लिए नगर निगम की हरी भरी कंपनी रामपुर रोड स्थित सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट से जुलाई से 30 सितंबर तक 6000 टन जैविक खाद निशुल्क बांट चुकी है.
वहीं, अब शासन द्वारा लाइनपार के रामलीला मैदान में दीपावली महोत्सव चल रहा है. यहां सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जैविक खाद खरीदने पर विशेष छूट दी जा रही है.
दीपावली महोत्सव का आयोजन
इस समय दीपावली मेले में रोजाना 20 से 25 किसान पहुंच रहे हैं. इन किसानों को जैविक खाद की खासियत बताई जा रही है. बता दें कि जैविक खाद को कूड़े से निकलने वाले कार्बनिक पदार्थ यानि सब्जी, पत्तों, फलों के छिलकों से तैयार किया जाता है. दीपावली महोत्सव में जैविक खाद 1.50 रुपए प्रति किग्रा मिल रही है. इस छूट का लाभ सिर्फ वास्तविक किसानों को दिया जा रहा है, लेकिन, गमलों व घरों के बगीचे में इस्तेमाल के लिए 30 रुपए प्रति किग्रा का एक पैकेट मिल रहा है.
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शहर से निकलता है रोजाना 400 टन कूड़ा
खास बात यह है कि जैविक खाद की बिक्री से सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के कर्मचारियों का वेतन दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि रामपुर रोड स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड में रोजाना 400 टन कूड़ा पहुंचता है. इस कूड़े का निस्तारण किया जा है, जिससे लगभग 60 से 70 टन जैविक खाद तैय़ार की जाती है. इसमें लगभग 28 दिन का समय लगता है. बता दें कि नगर निगम को कूड़े से निकलने वाले कार्बनिक पदार्थ से जैविक खाद तैयार करना का लाइसेंस भी मिल चुका है. अब जैविक खाद को बेचकर नगर निगम का सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट खर्च उठाने में आत्मनिर्भर बन रहा है.
जानकारी के लिए एक बार फिर बता दें कि दीपावली महोत्सव के तहत किसानों को खुला खाद 1.50 रुपए प्रति किग्रा दिया जा रहा है. इससे पहले 30 सितंबर तक निशुल्क जैविक खाद बांटी गई थी. जिले में शासन की तरफ से जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए दीपावली मेले में स्टाल लगाई गई है. इसमें रोजाना 20 से 25 किसान जैविक खाद पसंद कर रहे हैं और जैविक खेती की तरफ अपनी रूचि दिखा रहे हैं.