भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry/FICCI) द्वारा एग्रोकेमिकल्स सम्मेलन का 10 वां संस्करण आज आयोजित किया जा रहा है. इस सम्मेलन को रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया है.
इस सम्मेलन का विषय "इंडिया @75: आत्मनिर्भर भारत के लिए कृषि रसायन उद्योग के सतत विकास में तेजी लाना" है. बता दें कि इस सम्मेलन का आयोजन कीटनाशक प्रबंधन में रसायनिक कीटनाशकों की भूमिका को ध्यान में रखते हुए किया गया है, क्योंकि समय-समय पर लक्ष्य आधारित और पर्यावरण अनुकूल उत्पादों का निर्माण हो रहा है. एग्रोकेमिकल्स सम्मेलन के 10 वें संस्करण में कृषि जगत के कई दिग्गज हस्तियों ने हिस्सा लिया है.
एग्रोकेमिकल्स सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होकर किया. वहीं, इस सम्मेलन में मेहमानों, प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों का स्वागत मनोज मेहता - डायरेक्टर एंड - केमिकल्स, पेट्रोकेमिकल्स एंड एग्रोकेमिकल्स, फिक्की कार्यक्रम के मॉडरेटर ने किया. इसके बाद लैम्प लाइटिंग समारोह और अतिथि का अभिनंदन किया गया.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम सब FICCI के बारे में जानते हैं, जो देश का एक विशाल संगठन है और हर क्षेत्र में FICCI की कोशिश रहती है कि वह प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष से रूप से जुड़कर अपने दायित्व का निर्वहन करें.
नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कृषि क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है. हम सभी ने अनुभव किया है कि मौजूदा समय में कृषि क्षेत्र से जुड़ा लगभग हर काम अच्छी तरह से हो रहा है. फसलों की पैदावार व बुवाई बढ़ रही है.
इसके साथ ही कृषि आधारित उद्योग की स्थिति भी संतोषजनक रही है, इसलिए कृषि क्षेत्र में लगातार सरकार भी प्रयास कर रही है कि इस क्षेत्र को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जा सके. समय-समय पर इस क्षेत्र में परिवर्तन करें और यह क्षेत्र मजबूती के साथ आगे बढ़ता रहे. इसके अलावा, भारत दुनिया में कृषि उत्पादों की पूर्ति करें. कृषि मंत्री ने आगे कहा कि भारत कृषि उत्पाद के निर्यात में भी अपनी एक अलग पहचान बिना रहा है.
पीटर फोर्ड, प्रेसिडेंट एशिया पैसिफिक, कोर्टेवा एग्रीसाइंसेज ने भारत में कृषि के सतत विकास पर एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य दिया और ग्रीन केमिस्ट्री के बारे में कोर्टेवा के नेतृत्व की पहल को साझा किया.
वहीं, आर.जी. अग्रवाल, चेयरमैन, फिक्की क्रॉप प्रोटेक्शन कमेटी एंड ग्रुप चेयरमैन, धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने अपने भाषण में विभिन्न सरकारी पहलों और कार्यक्रमों के बारे में बताया, जो भारत के किसानों को आत्मनिर्भर बना रहे हैं. उन्होंने एग्रोकेमिकल उद्योग के महत्व के साथ-साथ कई विषयों पर भी जोर दिया.
वहीं, डॉ रमेश चंद, सदस्य, नीति आयोग, भारत सरकार ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि जैविक खेती के सिद्धांतों को कृषि रसायनों के उपयोग के साथ विवेकपूर्ण और टिकाऊ तरीके से एकीकृत करना महत्वपूर्ण है.
इसके अलावा, भगवंत सिंह खुबा, राज्य मंत्री, रसायन और उर्वरक मंत्रालय और राज्य मंत्री, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने अपने भाषण में आत्मनिर्भरता तक पहुंचने के लिए उद्योग के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया.
वहीं, देश में एग्रोकेमिकल जायंट्स को अपने नेटवर्क में अधिक से अधिक किसानों को शामिल करने और उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाले रसायन और उर्वरक प्रदान करने के साथ-साथ कीटनाशकों के विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में शिक्षित करने के लिए भी कहा. उन्होंने पीडब्ल्यूसी और फिक्की द्वारा तैयार किए गए नॉलेज पेपर का भी विमोचन किया.
अंत में, एसपी मोहंती, सह-अध्यक्ष-फसल संरक्षण रसायन पर फिक्की उप समिति, सीएमडी, एचआईएल (इंडिया) लिमिटेड ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया.
पैनल डिस्कशन: लीडिंग लाइट्स, ग्लोबल आउटलुक और एग्रोकेमिकल्स इंडस्ट्री में ड्राइविंग इनोवेशन
दूसरा सत्र "लीडिंग लाइट्स, ग्लोबल आउटलुक एंड ड्राइविंग इनोवेशन इन एग्रोकेमिकल्स इंडस्ट्री" विषय पर हुआ. इस चर्चा के पैनल में 6 वक्ता शामिल थे और इसकी अध्यक्षता कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के पौध संरक्षण सलाहकार रवि प्रकाश ने की.
चर्चा की शुरुआत रवि प्रकाश ने कीटनाशक अधिनियम, सीआईबी और आरसी में कीटनाशकों की पंजीकरण प्रक्रिया के साथ-साथ कीटनाशकों के गुणवत्ता नियंत्रण के महत्व के बारे में बात करते हुए की.
राजू कपूर, निदेशक - सार्वजनिक और उद्योग मामले, एफएमसी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने चर्चा की कि फसल संरक्षण में इनपुट उपयोग दक्षता को कैसे बढ़ाया जाए.
गेविन केर, कंट्री मैनेजर, नुफार्म, न्यूजीलैंड ने न्यूजीलैंड के लिए फसल सुरक्षा बाजार के मूल्य पर विस्तार से बताया.
रैलिस इंडिया के सीईओ संजीव लाल ने आत्मानिर्भर भारत के विजन को हासिल करने के लिए वैश्विक विनिर्माण और निर्यात केंद्र बनकर देश के आर्थिक विकास में एग्रोकेमिकल्स की भूमिका के बारे में बताया.
जापान के दूतावास के प्रथम सचिव (खाद्य और कृषि) इक्को वतनबे ने कार्बन तटस्थ बनने के लिए जापान की नवाचार रणनीति पर चर्चा की.
Yifat Lascar- विपणन, विकास और पंजीकरण भारत, मध्य पूर्व और अफ्रीका के प्रमुख, अदामा लिमिटेड ने ADAMA के MASHAV (इज़राइल की एजेंसी फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कोऑपरेशन) के साथ सहयोग के बारे में बताया.
पैनल चर्चा: प्रतिमान बदलाव में लचीलापन: भारतीय कृषि रसायन उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी (आत्मनिर्भर) बनाना
दूसरे पैनल डिस्कशन की अध्यक्षता स्मॉल फार्मर्स एग्री-बिजनेस कंसोर्टियम के प्रबंध निदेशक नील कमल दरबारी ने की.
इस चर्चा का संचालन आशीष कसाड, पार्टनर, ईवाई इंडिया, नेशनल लीडर - केमिकल्स एंड एग्रीकल्चर सेक्टर और विविधता और समावेशन व्यवसाय प्रायोजक ने किया.
मार्क रॉस, मुख्य कार्यकारी, एग्कर्म ने "एक सुरक्षित और प्रचुर मात्रा में खाद्य आपूर्ति प्रदान करने के लिए फसल सुरक्षा उत्पादों के जिम्मेदार उपयोग" पर एक प्रस्तुति दी.
राजवीर सिंह राठी, हेड- पब्लिक अफेयर्स, साइंस एंड सस्टेनेबिलिटी बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड ने वैल्यू चेन मॉडल्स - बेटर लाइफ फार्मिंग एंड बायर फूड चेन पार्टनरशिप्स के माध्यम से फार्म प्रॉफिटेबिलिटी को खूबसूरती से समझाया.
लोकेश लोहिया, निदेशक, डिजिटल परिवर्तन कार्यालय (डीटीओ), सिस्को इंडिया और सार्क ने "जुड़े कृषि" पर एक प्रस्तुति दी.
डॉ. विशाल चौधरी, उप. औद्योगिक सलाहकार, रसायन और पेट्रोरसायन विभाग ने हरित रसायन विज्ञान और कृषि रसायनों के लिए सतत विकास पर विस्तार से बताया.