राजस्थान सरकार किसानों के लिए अलग से कृषि बजट पेश कर चुकी है. बीते दिन आम-बजट पेश होने के बाद राजनितिक हलचल पैदा हो गई है. बता दें कि राजस्थान सरकार ने इस बजट में उम्मीद से अधिक चीजों को किसानों के हित में शामिल किया है.
इतना ही नहीं, कृषि के साथ-साथ पशुपालन (Animal Husbandry) को भी बढ़ावा देने के लिए राज्यन सरकार ने पशुपालकों के लिए बड़ा ऐलान किया है. ऐसा पहली बार हुआ कि अलग से कृषि बजट (Agriculture Budget) पेश किया गया है. ऐसे में सीएम गहलोत ने पशुपालकों के लिए कई अहम एलान किए हैं.
मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से दुग्ध उत्पादक संबल योजना को और लोकप्रिय बनाने की कोशिश की गई है. राज्य सरकार ने सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों में दूध (Milk) की सप्लाई करने वालों को अब 5 रुपये प्रति लीटर की दर से अनुदान देने का एलान किया है. इससे प्रदेश के करीब 5 लाख पशुपालकों को 500 करोड़ रुपये का लाभ होगा. इस योजना के तहत अब तक किसानों को 2 रुपये प्रति लीटर अनुदान मिलता था, जिसमें अब तक किसानों को 448 करोड़ रुपये मिल चुके हैं.
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना क्यों हुई थी बंद?
बजट पेश करते हुए गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना (Mukhyamantri Dugdh Utpadak Sambal Yojna) की शुरुआत पहली बार अप्रैल 2013 को की थी. देश में ऐसी कोई योजना किसी सरकार द्वारा पहली बार शुरू की गयी थी, लेकिन पिछली सरकार ने इसे बंद कर दिया था.
जिससे पशुपालकों को काफी नुकसान और निराशा दोनों हुआ था. जब दोबारा हम सत्ता में आए, तो इसे 1 फरवरी 2019 से फिर शुरू कर दिया. अब इसको और भी बढ़ावा देते हुए अनुदान की रकम में वृद्धि कर रहे हैं. जिससे गाय-भैंस का पालन करने वालों को दूध का अच्छा दाम मिल सकेगा.
राजस्थान की पशु आबादी
अगर कृषि कार्य की बात करें, तो उसका मतलब सिर्फ खेती-बाड़ी ही नहीं होता है. देश के कई ग्रामीण इलाकों में आज अधिकतर छोटे और सीमांत किसान पशुपालन कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं. इसका जीता-जागता उदाहरण राजस्थान है. राजस्थान में 56.8 मिलियन पशुधन है. जिसमें से 13.9 मिलियन गौ-धन, 13.7 मिलियन भैंस, 20.84 मिलियन बकरी एवं 2.13 लाख ऊंट हैं. ऐसे में समझ सकते हैं कि पशुपालन यहां के लिए कितना महत्वपूर्ण है. सरकार ने पशु अस्पतालों का अपग्रेड करने का भी ऐलान किया है. पशु चिकित्सा के लिए मंडावा एवं झुंझुनू में पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने का एलान किया गया है. राजकीय पशु चिकित्सालय चाकसू, जयपुर को बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में कन्वर्ट करने की घोषणा हुई है.
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पशु आहार की गुणवत्ता भी की जाएगी सुनिश्चित
पशुपालन को लेकर सरकार की गंभीरता इसी बात से देखी जा सकती है कि सरकार ने बजट में पशु आहार की गुणवत्ता की जांच के लिए रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने का भी ऐलान किया है. सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि पशु आहार की गुणवत्ता की जांच करने के लिए हर जिले में पशु लैब बनाई जाएगी. इन्होंने इस साल पशु बीमा का 6 लाख पशुपालकों को लाभ देने का ऐलान किया है. जिस पर 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
हर गांव पंचायत नंदीशाला बनाने का प्रोजेक्ट
राजस्थान में आवारा पशुओं की समस्या बहुत बड़ी है. इसके निदान के लिए सरकार ने हर गांव पंचायत नंदीशाला बनाने का फैसला लिया है.
प्रत्येक नंदीशाला के लिए 1-1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. पशुओं से खेतों को बचाने के लिए तारबंदी योजना पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. किसानों ने सरकार के साथ संवाद में आवारा पशुओं की समस्या बताई थी.