एक तरफ किसानों को मौसम और प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ता है, तो वहीं दूसरी तरफ़ किसानों के बीच यह भी डर बना रहता है कि कही वो किसी ठगी के शिकार ना हो जाएं. किसानों की मदद करने हेतु सरकार आए दिन नई योजनाएं बनाती रहती है. ऐसे में कई संस्थान ऐसी भी हैं जो इनका गलत फायदा उठाकर किसानों को ठगने का काम करती हैं.
आपको बता दें कोई भी स्कीम का लाभ उठाने के लिए किसान आज कल तत्पर रहने लगे हैं.ऐसे में कभी कभी उन्हें किसी और का सहारा भी लेना पड़ता है. इस बात का फायदा उठाते हुए कई लोग ऐसे हैं जो किसानों को अपना शिकार आसानी से बना लेते हैं ऐसे में उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार सोयाबीन (Soybean) और कपास (Cotton) उत्पादकों सहित राज्य के सभी किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है. केंद्र सरकार के दायरे में आने वाले सोयाबीन समेत कपास के मुद्दों पर राज्य सरकार का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे.
अभी संसद के आगामी सत्र में महा विकास अघाड़ी के सांसद सदन में किसान हित के मुद्दे उठाएंगे. उप मुख्यमंत्री कार्यालय के कमेटी हॉल में पवार की अध्यक्षता में सोयाबीन-कपास उत्पादकों के विभिन्न मुद्दों पर बैठक हुई. इसी दौरान उन्होंने फर्जी रिकॉर्ड बनाकर किसानों को ठगने वाली फसल बीमा (Crop Insurance) कंपनियों के खिलाफ तत्काल मामला दर्ज करने के निर्देश दिए. किसानों को इस हो रहे धांधली से बचाने के लिए सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है. ताकि किसानों को किसी तरह की कोई अन्य परेशानियों का सामना ना करना पड़े.
वहीं अजीत पवार ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में बाढ़ पीड़ितों के लिए घोषित सहायता का वितरण जारी है. इसमें और तेजी लाई जाएगी. फसल नुकसान की वजह से (Crop loss) किसानों को उसके बदले मिलने वाली राहत राशि का वितरण जल्दी ही पूरा किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि बैंक किसी भी परिस्थिति में किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी और वित्तीय सहायता को रोके नहीं. उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं की सहायता राशि किसानों के ऋण खाते में जमा न हो इसका निर्देश संबंधित बैंकों को दिया जाएगा.
किसानों को सौर पंप योजना का मिलेगा लाभ
डिप्टी सीएम पवार ने नदी किनारे कटी हुई भूमि के सुधार के लिए रोजगार गारंटी योजना के साथ-साथ सीएसआर (Corporate Social Responsibility) फंड से सहायता प्रदान करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार दिन के दौरान कृषि पंपों को सुचारू और पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक सौर पंप योजना लेकर आई है. इस योजना को और अधिक कुशलता से लागू किया जाना चाहिए. आपको बता दें पानी और बिजली की बढ़ती समस्या से हर कोई परेशान है. इस समस्या का समाधान निकलते हुए महाराष्ट्र डिप्टी सीएम ने किसानों की भलाई और काम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला सोलर पंप योजना को लागू करने का काम किया है.
किसानों को कर्जमाफी का भी मिलेगा लाभ
आपको बता दें डिप्टी सीएम पवार ने कहा कि जो किसान कर्जमाफी (Farmer loan waiver) के पात्र हैं उन्हें इसका लाभ देने की कोशिश जारी है. राज्य सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है. इस मौके पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री डॉ. राजेंद्र शिंगाने, ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राउत, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता रविकांत तुपकर, डॉ. ज्ञानेश्वर टेल, दमुआना इंगोले एवं देबाशीष चक्रवर्ती सहित कई लोग मौजूद रहे.
संगठन ने उठाया था मुद्दा
किसान नेता रविकांत तुपकर ने डिप्टी सीएम से सोयाबीन और कपास की कीमतों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. फसल बीमा कंपनियां किसानों को धोखा दे रही हैं. कुछ बीमा कंपनियों ने अभी तक किसानों को भुगतान नहीं किया है. ऐसी बीमा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इस पर पवार ने तुपकर को आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार इन मांगों को लेकर सकारात्मक है और किसानों के हित में फैसला करेगी.
राज्य सरकार ने केंद्र से की मांग !
इन दिनों सोयाबीन की कीमतें आधी हो गई हैं. कुछ ही महीने पहले महाराष्ट्र में 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिल रहा था. जबकि अब यह पांच हजार हो गया है. इसकी अच्छी कीमत मिले इसके लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार सोयाबीन का आयात न करे. केंद्र सरकार ने 16 अगस्त को 12 लाख टन सोयामील इंपोर्ट की अनुमति दी थी. महाराष्ट्र सरकार ने इस इंपोर्ट के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाई थी. कृषि मंत्री दादा भुसे ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था.