राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन हुए हंगामे के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत जींद में कंडेला गांव पहुंच गए हैं. यहां किसानों के लिए एक महापंचायत होने वाली है, जिसमें नेता राकेश टिकैत हिस्सा लेंगे. इस महापंचायत में हरियाणा के लगभग 50 खापों के प्रतिनिधि भी शामिल होने वाले हैं. इस महापंचायत में किसान आंदोलन की आगामी रणनीति बनाई जाएगी.
याद दिला दें कि साल 2002 में कंडेला, बिजली बिल माफी आंदोलन को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहा था. बताया जा रहा है कि इस महापंचायत के लिए जींद के कंडेला गांव में पर्याप्त व्यवस्था की गई है. इसमें नेता राकेश टिकैत के अलावा कई खाप नेता भी शामिल होंगे. यहां किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए बड़ा जमावड़ा लगेगा. बता दें कि इस महापंचायत में कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की जाएगी, साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग की जाएगी.
6 फरवरी को होगा चक्का जाम
हरियाणा के बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चढूनी हिसार जिले के उकलाना में सूरेवाला चौक पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों को संबोधित किया. यहां उन्होंने 6 फरवरी को किसान यूनियनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का समर्थन करने का ऐलान किया है.
खाप महापंचायतों ने दिल्ली जाने का लिया था फैसला
कंडेला प्रधान का कहना है कि गणतंत्र दिवस की हिंसक घटना के बाद आंदोलन पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं, इसलिए कंडेला गांव के किसानों ने उसी रात हाइवे जाम कर आंदोलन को दोबारा खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अगले दिन 27 जनवरी को लगभग सभी जगहों पर खाप महापंचायतों ने दिल्ली जाने का फैसला किया.
कंडेला का आंदोलन रहा चर्चित
बता दें कि याहं साल 2002 में बिजली बिलों को लेकर आंदोलन चलाया गया था. किसानों ने कई अधिकारियों को बंधक भी बना लिया था, तो वहीं लगभग 2 महीने तक जींद-चंडीगढ़ मार्ग जाम कर रखा था. इसके साथ ही किसानों की कई बार पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी. इस आंदोलन में गोलीबारी भी हुई थी, जिसमें 9 किसानों की मौत हो गई थी, तो वहीं काफी किसान घायल हो गए थे. उस समय राज्य के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला थे.