Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 3 February, 2021 1:50 PM IST
Farmer’s Protest

राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन हुए हंगामे के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत जींद में कंडेला गांव पहुंच गए हैं. यहां किसानों के लिए एक महापंचायत होने वाली है, जिसमें नेता राकेश टिकैत हिस्सा लेंगे. इस महापंचायत में हरियाणा के लगभग 50 खापों के प्रतिनिधि भी शामिल होने वाले हैं. इस महापंचायत में किसान आंदोलन की आगामी रणनीति बनाई जाएगी.

याद दिला दें कि साल 2002 में कंडेला, बिजली बिल माफी आंदोलन को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहा था. बताया जा रहा है कि इस महापंचायत के लिए जींद के कंडेला गांव में पर्याप्त व्यवस्था की गई है. इसमें नेता राकेश टिकैत के अलावा कई खाप नेता भी शामिल होंगे. यहां किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए बड़ा जमावड़ा लगेगा. बता दें कि इस महापंचायत में कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की जाएगी, साथ ही  न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग की जाएगी.

6 फरवरी को होगा चक्का जाम

हरियाणा के बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चढूनी हिसार जिले के उकलाना में सूरेवाला चौक पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों को संबोधित किया. यहां उन्होंने 6 फरवरी को किसान यूनियनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का समर्थन करने का ऐलान किया है.

खाप महापंचायतों ने दिल्ली जाने का लिया था फैसला

कंडेला प्रधान का कहना है कि गणतंत्र दिवस की हिंसक घटना के बाद आंदोलन पर सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं, इसलिए कंडेला गांव के किसानों ने उसी रात हाइवे जाम कर आंदोलन को दोबारा खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अगले दिन 27 जनवरी को लगभग सभी जगहों पर खाप महापंचायतों ने दिल्ली जाने का फैसला किया.

कंडेला का आंदोलन रहा चर्चित

बता दें कि याहं साल 2002 में बिजली बिलों को लेकर आंदोलन चलाया गया था. किसानों ने कई अधिकारियों को बंधक भी बना लिया था, तो वहीं लगभग 2 महीने तक जींद-चंडीगढ़ मार्ग जाम कर रखा था. इसके साथ ही किसानों की कई बार पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी. इस आंदोलन में गोलीबारी भी हुई थी, जिसमें 9 किसानों की मौत हो गई थी, तो वहीं काफी किसान घायल हो गए थे. उस समय राज्य के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला थे.

English Summary: A strategy will be chalked out by a mahapanchayat in Jind, Haryana
Published on: 03 February 2021, 01:57 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now