भारत सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी गई है. दरअसल, मार्च में होली का पर्व आने वाला है और इस दौरान केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा किया जाएगा. जी हां, होली (Holi 2022) के आस-पास केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा किया जाएगा. इसका सीधा लाभ लगभग 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स (Pensioners) को मिलने वाला है.
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी (Increase in dearness allowance of central employees)
इसके साथ ही सरकार द्वारा मार्च महीने में केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में बढ़ोतरी का ऐलान किया जा सकता है. बता दें यह ऐलान जनवरी 2022 के लिए होगा. इसके अलावा दिसंबर 2021 के जारी AICPI आंकड़ों को देखने के बाद तय हुआ कि केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) का DA 3 फीसदी बढ़ेगा. जानकारी के लिए बता दें कि अभी कर्मचारियों को 31% महंगाई भत्ता मिल रहा है, जो कि आने वाले दिनों में 34 प्रतिशत हो जाएगा.
कर्मचारियों को होली के आस-पास मिलेगा लाभ (Employees will get benefits around Holi)
आपको बता दें कि दिसंबर 2021 में All India Consumer Price Index for Industrial Workers (AI CPI-IW) में बढ़ोतरी हुई है. इससे यह बढ़कर 125.4 पर पहुंच चुका है. इससे कर्मचारियों का DA 31 से बढ़कर 34 प्रतिशत होना तय है. माना जा रहा है कि कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ होली (Holi 2022) के आस-पास होगा.
90 हजार रुपए तक बढ़ेगी सैलरी (Salary will increase up to 90 thousand rupees)
JCM सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई के अनुपात में पैसा मिलना चाहिए. अभी तक सरकार ने एरियर को लेकर स्थिति साफ नहीं की है, तो ऐसे में 3 प्रतिशत DA का ऐलान होता है. इसलिए निश्चित तौर पर राहत की बात यह है कि अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्रति माह 30 हजार रुपए है, तो इससे उसकी सैलरी 900 रुपए महीना बढ़ेगी. अगर सालाना आधार पर देखा जाए, तो सीधे उनकी ग्रॉस सैलरी में 10,800 रुपए की बढ़ोत्तरी होगी. वहीं, कैबिनेट सचिव स्तर के अफसरों की सैलरी 7500 रुपए महीना बढ़ेगी. मतलब यह है कि सबसे ज्यादा ढाई लाख रुपए महीना बेसिक सैलरी होती है, तो उन्हें सालाना आधार पर 90 हजार रुपए का फायदा होगा.
क्या होता है महंगाई भत्ता? (What is Dearness Allowance?)
जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी कर्मचारियों को उनके रहने-खाने के स्तर (Cost of Living) को बेहतर बनाने के लिए महंगाई भत्ता (Dearness allowance) दिया जाता है. यह पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन का स्तर सही रहे. यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलता है. इसकी शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हुई थी.
हर 6 महीने में होता है बदलाव (Change happens every 6 months)
जैसा कि हमने बताया कि डियरनेस अलाउंस (Dearness Allowance) कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए मिलता है. यह भत्ता सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों मिलता है. आमतौर पर हर 6 महीने, जनवरी और जुलाई में Dearness Allowance में बदलाव होता है.
अलग-अलग होता है DA (DA is different)
बता दें कि कर्मचारियों के वेतन के आधार पर महंगाई भत्ता (Dearness allowance) प्रदान किया जाता है. यानि शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता अलग-अलग दिया जाता है. डियरनेस अलाउंस की गणना मूल सैलरी पर होती है. इसके लिए एक फार्मूला तय किया गया है, जो कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (consumer price index या CPI) से तय होता है.
ये फॉर्मूला होता है इस्तेमाल (This formula is used)
महंगाई भत्ते का प्रतिशत = पिछले 12 महीने का CPI का औसत-115.76. जितना आएगा, उसे 115.76 से भाग दिया जाता है, अब जो अंक आएगा, उसे 100 से गुणा किया जाता है.