सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की हरी झंडी के बाद अब उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने बचे हुए पदों की नियुक्ति की कवायद शुरू कर दी है. विभाग इस महीने के आखिर तक इन भर्तियों को पूरा करेगा. लगभग 69 हजार रिक्त पदों पर यह भर्ती की जाएगी. दो साल पहले विभाग ने 69 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्तियां शुरू की थी. दरअसल, दो साल पहले शुरू हुई शिक्षकों की इस भर्ती प्रकिया में एसटी कैटेगरी में तकरीबन 1 हजार 133 सीटों के लिए योग्य अभ्यर्थी नहीं मिल पाए थे जिसकी वजह से यह प्रक्रिया अधर में अटक गई थी. अब चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट की प्रमाणित मिलने के साथ ही भर्ती की अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा.
36 हजार 590 पदों पर नियुक्तियां
एसटी के एक हजार 133 पदों को छोड़कर बेसिक शिक्षा विभाग ने 67 हजार 867 पदों पर भर्ती प्रकिया आरंभ की थी. सुप्रीम कोर्ट की रोक से यानि 16 अक्टूबर से पहले तक विभाग ने 31 हजार 277 पदों पर नियुक्तियां दे दी थी. वहीं सुप्रीम के फैसले में देरी के कारण लगभग 36 हजार 590 पदों पर नियुक्तिाएं अटक गई थी. ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बाद इन 36 हजार 590 पदों पर विभाग द्वारा शीघ्र नियुक्तियां आरंभ की जाएगी. विभाग के अफसरों का कहना है कि इन रुके हुए पदों के लिए काउंसलिग स्तर पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू होगी क्योंकि मेरिट के आधार काउंसलिंग के लिए अभ्यर्थियों का चयन पहले ही हो चुका है. ऐसे में अब रिक्त भर्तियों को भरने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. अफसरों ने आगे बताया कि 3 दिन की काउंसलिंग कार्यक्रम के जरिए इन पदों पर नियुक्तियां दी जाएंगी. चूकि भर्ती प्रक्रिया पहले से चल रही थी इस कारण से चुनाव आयोग से रिक्त पदों की भर्तियों की परमिशन लेने में कोई कानूनी अड़चन नहीं आएगी. अधिकारियों का यह भी कहना है कि 3 दिसंबर को एमएलसी चुनाव होना है ऐसे में आचार संहिता के कारण भर्ती के लिए अनुमति नहीं मिलती है तो यह प्रक्रिया दिसंबर पहले और दूसरे सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी.
शिक्षक भर्ती में रुकावट क्यों हुई ?(Hindrance behind teachers recruitment)
दिसंबर 2018 में 69 हजार शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था. वहीं इसकी भर्ती परीक्षा 6 जनवरी 2019 को हुई थी. परीक्षा के अगले दिन सरकार ने कट ऑफ जारी की जिसके अनुसार क्वालिफाइंग मार्क्स 60-65 तय किए गए. इसके खिलाफ अभ्यर्थी हाई कोर्ट गए. हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 11 जनवरी को शिक्षक भर्ती पर रोक लगा दी. हालांकि हाई कोर्ट की डबल बेंच ने करीब 16 महीने बाद कट ऑफ के फैसले को सही ठहराया. जिसके बाद सरकार ने भर्ती प्रक्रिया शुरू की. लेकिन हाई कोर्ट ने परीक्षा में गलत सवालों को लेकर भर्ती पर फिर रोक लगा दी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शिक्षामित्र की याचिका पर 9 जून 2020 को रोक लगा दी थी.