पौधों के अच्छे विकास के लिए जरुरी है उनमें सभी प्रकार के पोषक तत्वों का होना. ऐसा माना जाता है की अगर कोई भी एक पोषक तत्व न हो तो पौधों का विकास रुक जाता है. जिस वजह से उसकी उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता पर असर पड़ता है जिससे किसानों को भरपूर उत्पादन नहीं मिल पाता.
किसानों की मेहनत के हिसाब से अधिक मुनाफ़ा को ध्यान में रखते हुए चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) में मृदा विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. रविद्र कुमार ने फसल उत्पादन में पोषक तत्वों के विषय पर एडवाइजरी जारी की है.
दरअसल, कृषि वैज्ञानिक की दी गई जानकारी के अनुसार पौधों के अच्छे विकास के लिए 17 पोषक तत्त्व जरुरी होते हैं, जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश प्रमुख पोषक तत्व हैं, जबकि कैल्शियम, मैग्नीशियम व गंधक द्वितीयक पोषक तत्व के रूप में जाने जाते हैं. लोहा, मैग्नीज, तांबा, जस्ता, बोरान, मालीब्लेडिनम, क्लोरीन व निकिल भी सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं. वहीँ इनकी कमी की वजह से पौधों में निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते है.
पोषक तत्व की कमी से होने वाले लक्षण (Nutrient Deficiency Symptoms)
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फसल में नाइट्रोजन की कमी होने पर पौधों का विकास रुक जाता है और पूरा पौधा बौना दिखाई देता है.
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फास्फोरस की कमी होने पर पौधों की जड़ों का विकास नहीं होता और पत्तियों का रंग हल्का बैंगनी या भूरा हो जाता है.
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पोटाश की कमी होने से पौधों की पत्तियां भूरी व धब्बेदार दिखाई देती हैं.
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राज्य में शुरू किया गया साफ्टवेयर डेवलपमेंट केंद्र (Software Development Center Started In The State)
बता दें उत्तर प्रदेश राज्य में साफ्टवेयर इंजीनियरिग की प्रतिभाओं के पलायन को रोकने के लिए साफ्टवेयर डेवलपमेंट केंद्र शुरू किया गया है. यह केंद्र अमेरिका में डेलास स्थित सिटयान इनोवेशन कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रीत कुमार ने शुरू किया है. जिसमें बतया गया है कि केंद्र में कानपुर से जुड़े बीटेक छात्र-छात्राओं को नौकरी के अवसर भी दिए जांयेंगे