खेतीबाड़ी के कार्यों में ट्रैक्टर बहुत उपयोगी होता है. ट्रैक्टर की सहायता से किसानों का खेती का काम सरल हो जाता है. साथ की इसके इस्तेमाल से किसानों का समय भी बचता है, इसलिए ज्यादातर सभी किसानों के पास ट्रैक्टर होते हैं.
ट्रैक्टर का बड़ी मात्रा में उपयोग होने के बावजूद भी हम में से कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें ट्रैक्टर में पाए जाने वाले कुछ चीजों की विशेष जानकारी नहीं होती है, जैसे ट्रैक्टर के पीछे के पहिये बड़े और आगे के छोटे क्यों होते हैं. क्या आपको पता है क्यों ट्रैक्टर के स्ट्रक्चर इस तरह बनाया जाता है? अगर नहीं, तो आज इस लेख के माध्यम से आपको इस बात की पूरी जानकारी विस्तार से देंगे.
ट्रैक्टर के पीछे के पहिये बड़े होने की वजह (Reasons For Getting Bigger Rear Wheels Of Tractor)
दरअसल, ट्रैक्टर का इस्तेमाल किसी भी वास्तु को खींचने के लिए किया जाता है. चूँकि इसकी मदद से हम भारी से भारी वजन की वास्तु को भी आसानी से खींच सकते हैं, इसलिए पहियों का रोल मुख्य होता है. पहिया का जैसा आकार होगा, ट्रैक्टर उतना ही किसी भी चीज को आसानी से खींचने में मददगार होगा. इसके अलावा ट्रैक्टर के पहिये बड़े होने की वजह से कीचड़ आदि जगह पर आसानी से बाहर आ सकें.
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साथ ही बड़े पहियों में ग्रिप की सुविधा डिजाइन की गयी है, जिससे कीचड़ से भरी जमीन को आसानी से काट कर आगे चल सके. साथ ही उबड़ – खाबड़ जगह पर भी ट्रैक्टर आसानी से घूम सके. इस वजह से ट्रैक्टर के पीछे के पहिये बड़े होते हैं.
ट्रैक्टर के आगे के पहिये छोटे होने की वजह (The Reason For The Small Front Wheels Of The Tractor)
वहीँ, अगर ट्रैक्टर के आगे के पहिये छोटे होने की बात करें, तो आगे के पहिये स्टीयरिंग से जुड़े होते हैं, जो आसानी से ट्रैक्टर को मोड़ने में मदद करता है. यह वजन में हल्के होने का कारण ट्रैक्टर को आसानी से कंट्रोल कर लेता है. इसके अलावा ट्रैक्टर के छोटे पहिये भी खेतों पर किसी भी तरह के उबड़-खाबड़ जगह एवं कीचड़ से भरी जगह पर आसानी से धंस जाते हैं.