मानसून की बारिश लेट होने के कारण भारत के ज्यादातर किसान भाइयों ने अपने खेत में अभी तक धान की बुवाई नहीं की है, तो आज हम उनके लिए ऐसी मशीन की जानकारी लेकर आए हैं, जिसके इस्तेमाल से आप धान की सीधी बुवाई कम खर्च में कर सकते हैं.
इस विधि को अपनाने के बाद किसान को धान की फसल (Paddy Crop) के लिए नर्सरी को नहीं अपनाना होगा. तो आइए इस मशीन के बारे में जानते हैं. ताकि हम कम बजट में धान की फसल की अच्छी तरह से बुवाई कर सकें.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस मशीन की हम बात कर रहे हैं. उसका नाम जीरो टिलेज (Zero Tillage) और ड्रम सीडर (Drum seeder) है. जिसकी मदद से किसान बिना जुताई के भी धान की सीधी बुआई कर सकते हैं. अगर किसान इस समय धान की फसल से अच्छी पैदावार पाना चाहते हैं, तो वह इन मशीनों का इस्तेमाल जरूर करें. किसान धान की बुवाई दो तरीके से कर सकते हैं एक तो शुष्क सीधी बुवाई और दूसरी गीली सीधी बुवाई. इन दोनों ही विधि के बारे में एक-एक कर के जानते हैं कि आप किस विधि में किस मशीन को लगाएं.
शुष्क सीधी बुवाई: धान की इस बुवाई के लिए आपको जीरो टिलेज मशीन (Zero Tillage Machine) की आवश्यकता पड़ेगी. इस मशीन से आप दो अलग-अलग कंपार्टमेंट में खाद और बीज डाल सकते हैं, जिसके बाद आप जीरो टिलेज मशीन से खेत में सरलता से बुवाई कर सकते हैं. यह मशीन किसानों का श्रम तो बचाती है और साथ ही संसाधन में भी बचत करती है. क्योंकि जीरो टिलेज मशीन बेहद छोटी होने के नाते कई मशीनों का काम करती हैं. इसके अलावा यह पानी की 30 प्रतिशत तक बचत करती हैं.
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गीली सीधी बुवाई: इसमें रोपनी की तरह कदवा की मदद से खेत को फसल के लिए तैयार किए जाने का काम किया जाता है. इसके अलावा इसमें ड्रम सीडर मशीन (Drum Seeder Machine) की मदद से पूरे खेत की बुवाई की जाती है.
इस विधि में फसल के बीज को करीब 24 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखना होता है. फिर 12 घंटे कपड़े में रखकर बीज का अंकुरण किया जाता है. फिर किसान इसे ड्रम सीडर (Drum Seeder) में डालकर गीली सीधी बुवाई करता है.
इन दोनों ही तकनीक को खेत में धान की फसल के लिए अपनाने पर कम समय में जल्दी मुनाफा मिलता है.