Tractor Tyre Tips: खेती में किसान के लिए सबसे महत्वपूर्ण मशीन ट्रैक्टर होती है. किसान एक छोटे ट्रैक्टर के साथ खेती के कई बड़े और कठिन काम आसानी से कर सकते हैं. वर्तमान में अधिक किसान खेती के लिए ट्रैक्टरों का उपयोग करते हैं. केंद्र और राज्यों की सरकार किसान के लिए ट्रैक्टर खरीदने को आसान बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती है. आज के समय में जितना ट्रैक्टर खरीदना कठिन नहीं है, उससे ज्यादा ट्रैक्टर का मेंटेनेंस करना मुश्किल है. किसानों के बीच एक बड़ी समस्या बार-बार ट्रैक्टर के टायर खराब होने की रहती है, जिससे इसके संचालन में दिक्कतें आने लगती है.
कृषि जागरण के इस आर्टिकल में आज हम आपको ट्रैक्टर के टायर में दरार के कारण और इसके बचाव की जानकारी देने जा रहे हैं.
मौसम और टायर घिसने
ट्रैक्टर में किसी भी क्वालिटी के टायर हो लेकिन अगर इनपर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो नुकसान जरूर होता है. ट्रैक्टर के टायरों में दरार आने के सबसे मुख्य कारण मौसम और टायर घिसने के होते हैं. लेकिन कुछ और भी कारण है, जिनकी वजह से आपके ट्रैक्टर के टायरों पर दरार आने का खतरा बढ़ जाता है.
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साइड वॉल और हवा
ट्रैक्टर के टायरों में सबसे अधिक दरार आने का खतरा साइड वॉल की तरफ होता है. यदि टायर के साइड वॉल में हल्की दरारें आने लगती है, तो यह ध्यान ना देने के बाद बड़ी भी हो सकती है और आपको हादसें का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा, ट्रैक्टर के टायरों से जल्दी जल्दी हवा निलना भी क्रैक का एक बड़ा कारण हो सकता है.
कम उपयोग
टायरों में दरार आने का एक मुख्य कारण ट्रैक्टर का कम चलाना भी होता है. यदि आप ट्रैक्टर को कम से कम चलाते हैं, और उसे कई-कई दिनों तक इस्तेमाल में नहीं लेते है तो टायरों में दरार आने लग जाती है. ऐसा तब होता है जब ट्रैक्टर को लंबे समय से उपयोग में ना लेकर एक ही जगह खड़ा रखते हैं, तो इससे टायरों की रबड़ सूखने लगती है और इनमें दरार आनी शुरू हो जाती है.
दरार का क्या है समाधान?
यदि आपके ट्रैक्टर के टायरों में भी दरार आने लगी है, तो इन्हें पूरी तरह से ठीक नहीं करवाया जा सकता है. कुछ लोग दरार लगने के बाद टायरों को ठीक करा लेते हैं, जिससे कुछ दिनों बाद ही टायर फिर से खराब होने लगते हैं. ऐसे में दरार पड़ने के बाद नए टायर का उपयोग करना ही सबसे सही समाधान हो सकता है.