आधुनिक दौर में किसानों के लिए खेती करना आसान होता जा रहा है. कृषि क्षेत्र में कई तरह की तकनीक आ गई हैं, जिनके द्वारा किसान अपने खेत और फसल को बेहतर बना सकते हैं. इसी कड़ी में किसानों के लिए एक बहुत अच्छी खबर है. दरअसल भारत सरकार का जैव प्रौद्योगिकी विभाग एक विशेष प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. इस प्रोजेक्ट के जरिए किसानों के खेतों की स्थिति देखकर पता चल जाएगा कि खेत में किस फसल से ज्यादा और बेहतर उपज मिल सकती है.
कृषि के क्षेत्र में आएगा ड्रोन (Drone will come in agriculture)
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में किसान मेला का आयोजन किया गया. इस किसान मेले में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सलाहकार आए, जिन्होंने जानकारी दी है कि ड्रोन को जल्द ही कृषि क्षेत्र में लाया जा रहा है.
किसानों के लिए करेगा खुफिया काम (Intelligence work for farmers)
कृषि क्षेत्र में ड्रोन किसानों के लिए खुफिया काम करेगा. इसकी मदद से किसान खेत के लिए उचित फसल का चुनाव कर पाएंगे. भारत सरकार इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रही है. सरकार का लक्ष्य है कि ड्रोन खेतों की परख करते हुए किसानों को बेहतर उत्पादन वाली फसल की जानकारी दे.
आलू की पैदावार बढ़ाने के लिए शोध (Research to increase potato yield)
जानकारी मिली है कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग आलू की पैदावार बढ़ाने के लिए शोध कर रहा है. इस शोध में आइआइटी मंडी सहयोग कर रही है. यह किसानों के लिए आगे जाकर काफी लाभदायक रहेगा. बता दें कि यह आलू के किसानों के लिए काफी वक्त से प्लान किया जा रहा है. इस पर यूके के साथ मिलकर काम जारी है. इससे अन्य देशों और आइआइटी को जोड़ने का भी काम चल रहा है.
बायोटेक किसान हब योजना (Biotech Farmer Hub Scheme)
किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बायोटेक किसान हब योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत किसानों को उद्यमी बनाया जा रहा है. इसके द्वारा किसानों को फसलों में वेल्यू एडिशन करने की जानकारी दी जा रही है. बता दें कि बिहार के 6 जिलों के कृषि विश्वविद्यालयों में इसका संचालन हो रहा है. इसमें मखाना, शहद, केला और बकरी पालन में वेल्यू एडिशन करने की सलाह दी जा रही है. उम्मीद है कि इस तरह गांव में रोजगार का विकल्प उपलब्ध होगा. फिलहाल इसको करीब 115 जिलों में चलाया जाएगा, जिनमें से 100 जिले में काम शुरू भी हो गया है.