भारत की प्रमुख एग्री मीडिया हाउस कृषि जागरण द्वारा शुरू किए गए तीन दिवसीय इवेंट ‘महिंद्रा मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड 2023' का ग्राउंड मेला, आईएआरआई में आयोजन किया जा रहा है. यह अवॉर्ड शो 6 से 8 दिसंबर तक हो रहा है. यहां भारत की बड़ी बड़ी कृषि और खेती से जुड़ी कंपनियों ने अपने कई प्रोडक्ट्स प्रदर्शित किए है, जो किसानों के लिए लाभकारी और आधुनिक खेती में मदद करते हैं. इन्ही में से एक ड्रोन विनिर्माता दक्ष अनमैन्ड सिस्टम्स (Dhaksha unmanned systems) ने भी अपना DH AG E10 ड्रोन को प्रदर्शित किया है. यह एक एग्रीगेटर बैटरी स्प्रे ड्रोन (Agrigator Battery Spray Drone) है.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में Dhaksha कंपनी के इस ड्रोन की विशेषताएं जानें और यह कृषि को कैसे बनाता है आधुनिक.
Dhaksha DH-AG-E10 ड्रोन की विशेषताएं
DH-AG-E10 एक बैटरी से चलने वाला स्प्रे ड्रोन है, जो कृषि स्प्रे एप्लीकेशन्स के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसका आकार छोटा है और इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं. कंपनी के इस ड्रोन में आपको 6S 21000 mAh बैटरी क्षमता देखने को मिल जाती है, जो इसके जीवन काल के दौरान 500 टैंक्स को स्प्रे कर सकती है. इस ड्रोन की बैटरी को पूरी तरह से चार्ज करने के बाद 2 एकड़ तक स्प्रे किया जा सकता है. आपको बता दें, इस ड्रोन की मदद से आप एक एकड़ जमीन पर 5 से 7 मिनट के समय में स्प्रे कर सकते हैं.
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इसकी अतिरिक्त बैटरी सेट के साथ किसान एक दिन में 30 एकड़ तक स्प्रे कर सकते हैं. यह ड्रोन सभी प्रकार के फसलों पर छिड़काव कर सकता है. यह संबंधित सुरक्षा सुविधाओं के साथ आता है जैसे कि collision/terrain sensors, failure/low battery/empty spray tank के दौरान फेल सेफ़ RTH/RTL.
ड्रोन से खेती करने पर होगी बचत : नितिन गडकरी
'महिंद्र मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड 2023' के पहले दिन भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने भी खेती के लिए ड्रोन के इस्तेमाल पर जोर दिया था. उन्होंने कहा कि अगर किसान खेती में ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें इससे काफी बचत होगी. उन्होंने कहा कि देश का किसान अब आधुनिक हो रहा है, ऐसे में खेती में भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि, ड्रोन में भी फ्लेक्स टेक्नोलॉजी पर काम किया जा रहा है. यदि ड्रोन में इसका इस्तेमाल होने लगेगा तो इससे इनकी लागत में कमी आएगी और किसान भी खेती में इनका इस्तेमाल आसानी से कर पाएगें. उन्होंने कहा की किसानों के लिए खेती में उत्पादन खर्च को कम कैसे किया जाए यह महत्वपूर्ण है.