नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 28 May, 2020 3:29 PM IST
Agriculture Machinery

धान की बुवाई सही समय पर करना अति आवश्यक होता है, क्योंकि अगर धान की खेती में बुवाई को उचित समय पर न किया जाए, तो इसका प्रभाव फसल की पैदावार पर पड़ सकता है. कभी-कभी किसान धान की बुवाई में पीछे रह जाते हैं, क्योंकि उन्हें मजदूर नहीं मिल पाते हैं. इस साल किसानों के लिए यह समस्या और भी बड़ी है. अगर इस वक्त किसान मजदूरों की कमी के कारण धान की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं, तो किसानों के लिए ड्रम सीडर (Drum Seeder) बहुत काम आएगा. किसान ड्रम सीडर द्वारा आसानी से बुवाई कर सकते हैं.

क्या होता है ड्रम सीडर (What is drum seeder)

इस मशीन से धान की सीधी बुवाई की जा सकती है. यह काफी सस्ती और आसान तकनीक वाली मशीन है. इसको काफी आसान तरीके से बना गया है. इसमें बीज भरने के लिए 4 प्लास्टिक के खोखले ड्रम लगे होते है, जो कि एक बेलन पर बंधे रहते हैं. बेलन के दोनों किनारों पर पहिए लगे रहते हैं, जिनका व्यास लगभग 60 सेंटीमीटर का होता है. इससे ड्रम पर्याप्त ऊंचाई पर रहता है. इसके साथ ही ड्रम में 2 दो पंक्तियों पर लगभग 8 से 9 मिमीटर व्यास के छिद्र भी बने रहते हैं. बता दें कि ड्रम सीडर की एक परिधि में कुल 15 छिद्र होते हैं, जिनकी दूरी बराबर की होती है. इसके अलावा 50 प्रतिशत छिद्र बंद रहते हैं. ये छिद्र गुरुत्वाकर्षण द्वारा बीज का गिराव करते हैं.ड्रम सीडर मशीन को खींचने के लिए एक हत्था भी लगा होता है. इस मशीन के आधे छिद्र बंद रहते हैं, इसलिए प्रति हेक्टेयर खेत के लिए सूखा बीज दर लगभग 15 से 20 किलोग्राम में उपयोग किया जाता है. अगर मशीन में पूरे छिद्र खुले हैं, तो प्रति हेक्टेयर खेत के लिए लगभग 25 से 30 किलोग्राम बीज दर की आवश्यकता होती है. बता दें कि ड्रम सीडर के लिए कई तरह के ढक्कन बनाए जाते हैं, ताकि मशीन में आसानी से बीज भरा जा सके. इस मशीन में पूर्व अंकुरित धान के बीजों का उयोग किया जाता है.

ड्रम सीडर से बुवाई करते समय ध्यान रखें (Take care while sowing from drum Seeder)

  • अगर ड्रम सीडर से धान की सीधी बुवाई कर रहे हैं, तो सबसे पहले खेत की मिट्टी को समतल बना लें.

  • बीजों को 10 से 12 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दें.

  • बीज शोधन करने के बाद छाया में सुखाकर गीले बोरे से ढक दें.

  • बीज अंकुरित होने पर बुवाई करना चाहिए. ध्यान दें कि खेत में 2 से 5 इंच के बीच पानी रहने पर बुवाई करें.

  • बीजों की बुवाई 5 से 6 घंटे के अंदर कर देनी चाहिए, क्योंकि खेत की मिट्टी कड़ी होने लगती है.

ड्रम सीडर से लाभ (Benefits from Drum Seeder)

  • प्रति हेक्टेयर 40 मजदूरों की मजदूरी कम लगती है.

  • धान की फसल की अवधि 7 से 10 दिन कम होती है.

  • खरपतवार नियंत्रण में आसानी से होता है.

  • धान की खेती में बचत होती है.

  • इस मशीन को एक आदमी आसानी से चला सकता है.

  • इसके लिए ट्रैक्टर की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है.

किसानों के लिए बता दे कि यह मशीन काफी कम कीमत में आ जाती है. इसके लिए आप अपने स्थानीय क्षेत्र में कृषि यंत्र बनाने वाली कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं.

English Summary: Direct sowing of paddy with drum seeders
Published on: 28 May 2020, 03:34 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now