ट्रैक्टर के आने के बाद से खेती-बाड़ी से जुड़े कई बड़े कार्यों को करना सरल हो गया है. भारतीय बाजार में किसानों की मदद के लिए कई तरह के बेहतरीन ट्रैक्टर उपलब्ध हैं. जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कि कृषि के ज्यादा कार्य ट्रैक्टर व अन्य कई बड़े उपकरण से किया जाता है. इसी कड़ी में कई बड़ी-बड़ी कंपनियां भी किसानों के लिए बेहद किफायती व टिकाऊ ट्रैक्टर का निर्माण करती हैं. जानकारी के लिए बता दें कि CSIR-CMERI ने हाल ही में देश के किसानों के लिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर तैयार किया है.
CSIR-CMERI का इतिहास
बता दें कि सीएसआईआर सीएमईआरआई का विभिन्न रेंजों और क्षमताओं के ट्रैक्टरों के डिजाइन और विकास में लंबा इतिहास रहा है. इसकी यात्रा 1965 में पहले स्वदेशी रूप से विकसित स्वराज ट्रैक्टर से शुरू हुई, उसके बाद 2000 में 35 एचपी सोनालिका ट्रैक्टर और फिर 2009 में छोटे और सीमांत किसानों की मांग के लिए 12 एचपी कृषि शक्ति के छोटे डीजल ट्रैक्टर बनाये गये. विरासत को अगले स्तर पर ले जाने के लिए सीएमईआरआई ने ट्रैक्टर में उन्नत तकनीक के साथ काम करना शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप यह ई-ट्रैक्टर (E-Tractor) विकसित किया गया है.
सीएसआईआर प्राइमा ईटी11 की मुख्य विशेषताएं
यह ट्रैक्टर इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसकी गतिशीलता, वजन वितरण, ट्रांसमिशन संलग्नता, लीवर और पेडल स्थिति सब कुछ अच्छी तरह से दिए गए हैं.
यह महिलाओं के अनुकूल है. इसके लिए एर्गोनॉमिक्स पर विशेष ध्यान दिया है, उदाहरण के लिए: महिलाओं तक आसान पहुंच के लिए सभी लीवर, स्विच आदि लगाए गए हैं.
किसान पारंपरिक घरेलू चार्जिंग सॉकेट का उपयोग करके 7 से 8 घंटे में इस ट्रैक्टर को चार्ज कर सकते हैं और खेत में 4 घंटे से अधिक समय तक ट्रैक्टर चला सकते हैं. सामान्य ढुलाई संचालन के मामले में ट्रैक्टर 6 घंटे से अधिक चल सकता है.
ट्रैक्टर 500 किलोग्राम या उससे अधिक की भार उठाने की क्षमता के साथ श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ हाइड्रोलिक से सुसज्जित है. इसका तात्पर्य यह है कि ट्रैक्टर न केवल क्षेत्र संचालन के लिए बल्कि ढुलाई संचालन के लिए भी आवश्यक उपकरण उठा सकता है.
ट्रैक्टर 1.8 टन क्षमता वाली ट्रॉली को अधिकतम 25 किमी प्रति घंटे की गति से खींच सकता है.
आवश्यक कवर और गार्ड के साथ इसकी मजबूत डिजाइन इसे कीचड़ और पानी से बचाती है.
इलेक्ट्रिक पहलुओं की बात करें तो बैटरी को हमने प्रिज़मैटिक सेल पुष्टिकरण के साथ अत्याधुनिक लिथियम आयन बैटरी के रूप में चुना है. इसमें कृषि के उपयोग के लिए गहरी डिस्चार्ज क्षमता है और इसका जीवन 3000 चक्र से अधिक है.
एक और विशिष्ट सुविधा जो प्रदान की गई है, वह वी2एल नामक एक पोर्ट है यानी लोड करने के लिए वाहन, इसका मतलब है कि जब ट्रैक्टर चालू नहीं होता है, तो इसकी बैटरी पावर का उपयोग अन्य माध्यमिक अनुप्रयोगों जैसे पंप और सिंचाई आदि के लिए किया जा सकता है.
“मेक फॉर द वर्ल्ड” की क्रांतिकारी
इस प्रभावशाली तकनीक को केएन बायोसाइंस, हैदराबाद स्थित कंपनी को लाइसेंस दिया गया है जो अपने कुशल ट्रैक्टर ब्रांड और कई बायोसाइंस से संबंधित विकास/उत्पाद के लिए प्रसिद्ध है ताकि इसे जमीनी स्तर पर ले जाया जा सके और बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सके. इसकी शानदार सफलता की उम्मीद की जा रही है. उम्मीद है कि यह ट्रैक्टर सीएसआईआर प्राइमा ईटी11 भारत में छोटे और सीमांत किसानों की मांगों को पूरा करते हुए दीर्घकालीन कृषि में सफलता हासिल करेगा. और इस प्रकार यह विकास “मेक फॉर द वर्ल्ड” की क्रांतिकारी दृष्टि के साथ वैश्विक ट्रैक्टर उद्योग में भारत का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करेगा.