जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसकी आधी से ज्यादा जनसंख्या कृषि क्षेत्र पर निर्भर है, तो वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था भी कृषि पर आधारित है. ऐसा मुमकिन इसलिए है, क्योंकि मौजूदा समय में खेती की आधुनिक तकनीक अपनाकर किसान अनाजों, सब्जियों, फलों और फूलों समेत अन्य फसलों का अधिक उत्पादन कर रहे हैं.
इसके साथ ही विश्व पटल पर अपना परचम लहरा रहे हैं. यही वजह है कि भारत ने पिछले कुछ सालों में खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोत्तरी की है.
कहा जाता है कि देश में पहले किसानों के पास कृषि की आधुनिक तकनीक व कृषि यंत्रों की समस्या थी, इसलिए वे खेती में उन्नत तकनीक व यंत्र उपयोग नहीं कर पाते थे. मगर अब बाजार में ट्रैक्टर और कई अन्य कृषि यंत्र (Agricultural Machinery) उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से फसलों का उत्पादन बढ़ा सकते हैं.
ऐसे में हम अपने इस लेख में खेती में उपयोग होने वाले कुछ खास कृषि यंत्रों (Agricultural Machinery) की जानकारी दी है, जिनकी मदद से आप बहुत आसानी से खेत की जुताई कर सकते हैं.
खेती के लिए उपयोगी कृषि यंत्र (Farm Implements Useful For Farming)
रोटावेटर (Rotavator)
रोटावेटर ज्यादा पी.टी.ओ. पावर, ज्यादा मैक्स टॉर्क और ज्यादा बैकअप टॉर्क टफ है, इसलिए इसकी मदद से भारी मिट्टी को भी आसानी से भुरभुरा बनाया जा सकता है.
इस कृषि यंत्र (Agricultural Machinery) की मदद से कम समय में ज्यादा क्षेत्र कवर किया जा सकता है. इसके साथ ही कम SFC के कारण बेस्ट इन क्लास माइलेज मिलता है.
कल्टीवेटर (Cultivator)
किसान भाई दूसरे ट्रैक्टर की तुलना में कल्टीवेटर से गहरी जुताई कर सकते हैं. कल्टीवेटर (Cultivator) सख्त जमीन में धंसा रहता है. इसके अलावा, एडवांस ADDC हाइड्रोलिक के कारण पूरे खेत की जुताई एक समान और गहरी कर देता है.
रिवर्सिबल MB स्लो (Thresher)
इस कृषि यंत्र के जरिए मैक्स टॉर्क कठोर जमीन में भी गहरी जुताई की जा सकती है. ये कृषि यंत्र इम्प्लीमेंट को लगातार जमीन से जोड़ कर रखता है.
थ्रेशर (Reversible Mb Slow)
इस कृषि यंत्र में वाटर कूल्ड इंजन की वजह से ज्यादा हीटिंग नहीं होती है, साथ ही थ्रेश गार्ड की वजह से भूसा भी पैदा नहीं होता है. ये कृषि यंत्र ज्यादा पी.टी.ओ. पावर से ट्रैक्टर को ज्यादा लोड लेने की ताकत देता है, साथ ही मुश्किल कार्यों के लिए भी क्षमता प्रदान करता है.