इस समय दीपावली की तैयारियों में सभी व्यस्त है. शहर के बाजार और घर रात के समय रोशनी से जगमग नजर आ रहे हैं. उत्तम स्वास्थ्य, बुराइयों का अंत, धन का आगमन, सद्भाव का संदेश देने वाले इस दीपोत्सव का शुभारंभ कार्तिक कृष्ण पक्ष 17 अक्टूबर यानी आज धनतेरस से हो गया और कार्तिक शुक्ल दूज 21 अक्टूबर भाईदूज तक मनाया जाएगा. इस समय प्रदोषकाल के साथ ही स्थिर वृष लग्न व कुंभ का स्थिर, नवमांश तीनों रहेंगे. पांचों दिन शुभ कार्यों और खरीदारी के लिए शुभ माने गए हैं.
दिन 1: खरीदारी, उत्तम सेहत के लिए धनतेरस
आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि का जन्मोत्सव धनतेरस को मनाया जाएगा. इस दिन सुबह, दोपहर और शाम को उत्तम स्वास्थ्य के लिए विशेष पूजन होगा. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस दिन बर्तन, आभूषण और कोई भी वस्तु खरीदना शुभ माना जाता है.
दिन 2: बुराई के अंत के लिए मनाते हैं रूपचौदस
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी 18 अक्टूबर को रूपचौदस और छोटी दिवाली मनाई जाएगी. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वधकर उसके भय से मुक्ति दिलाई थी. सुबह, दोपहर और शाम को पूजन भी किया जाएगा। शाम को 7 या 11 बजे दीपक जलाए जाएंगे.
दिन 3: धन प्राप्ति के लिए महालक्ष्मी पूजन
महापर्व दीपावली 19 अक्टूबर को मनेगा. धन प्राप्ति के लिए महालक्ष्मी का पूजन होगा. साथ ही गणेशजी, कुबेर और महाकाली की भी पूजा का विधान है. शास्त्रों में संपूर्ण रात पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है. इस साल अमावस्या रात्रि 12:42 बजे तक रहेगी.
दिन 4: राम अन्नकूट गोवर्धन पूजा का विधान
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा 20 अक्टूबर को सद्भाव के लिए लोग रिश्तेदारों के घर दिवाली की बधाई देने जाएंगे. इस दिन अन्न, सब्जियों का अन्नकूट बनाकर भगवान श्रीराम को भोग लगाया जाएगा. श्रद्धालु सुबह और शाम को गोवर्धन पूजा भी करेंगे.
दिन 5: भाइयों की लंबी उम्र के लिए भाई दूज
पांच दिवसीय दीपोत्सव का आखिरी दिन कार्तिक शुक्ल दूज 21 अक्टूबर को भाईदूज मनाई जाएगी. बहनें भाइयों के स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हुए माता दूज का पूजन करेंगी. उन्हें खाना खिलाकर तिलक लगाएंगी.