Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 27 December, 2017 12:00 AM IST

गिलोय एक प्रकार की लता/बेल है, जिसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते है. यह इतनी अधिक गुणकारी होती है, कि इसका नाम अमृता रखा गया है. आयुर्वेद में गिलोय को बुखार की एक महान औषधि के रूप में माना गया है. गिलोय का रस पीने से शरीर में पाए जाने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ दूर होने लगती हैं. गिलोय की पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन तथा फास्फोरस पाए जाते है. यह वात, कफ और पित्त नाशक होती है.

यह हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढाने में सहायता करती है. इसमें विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण एंटीबायोटिक तथा एंटीवायरल तत्व पाए जाते है जिनसे शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ पहुँचता है. यह गरीब के घर की डॉक्टर है क्योंकि यह गाँवो में सहजता से मिल जाती है. गिलोय में प्राकृतिक रूप से शरीर के दोषों को संतुलित करने की क्षमता पाई जाती है.

गिलोय एक बहुत ही महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जडीबूटी है. गिलोय बहुत शीघ्रता से फलने फूलनेवाली बेल होती है. गिलोय की टहनियों को भी औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. गिलोय की बेल जीवन शक्ति से भरपूर होती है, क्योंकि इस बेल का यदि एक छोटा-सा टुकडा भी जमीन में डाल दिया गया तो वहाँ पर एक नया पौधा बन जाता है.

आइये हम गिलोय से होने वाले शारीरिक फायदे की ओर देखें 

रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है

गिलोय में हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण गुण पाए जाते है. गिलोय में एंटीऑक्सीडंट के विभिन्न गुण पाए जाते हैं, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य बना रहता है, तथा भिन्न प्रकार की खतरनाक बीमारियाँ दूर रखने में सहायता मिलती है. गिलोय हमारे लीवर तथा किडनी में पाए जाने वाले रासायनिक विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य भी करता है. गिलोय हमारे शरीर में होनेवाली बीमारीयों के कीटाणुओं से लड़कर लीवर तथा मूत्र संक्रमण जैसी समस्याओं से हमारे शरीर को सुरक्षा प्रदान करता है.

ज्वर से लड़ने के लिए उत्तम औषधी 

गिलोय की वजह से लंबे समय तक चलने वाले बुखार को ठीक होने में काफी लाभ होता है. गिलोय में ज्वर से लड़ने वाले गुण पाए जाते हैं. गिलोय हमारे शरीर में होने वाली जानलेवा बीमारियों के लक्षणों को उत्पन्न होने से रोकने में बहुत ही सहायक होता है. यह हमारे शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स की मात्रा को बढ़ाता है जो कि किसी भी प्रकार के ज्वर से लड़ने में उपयोगी साबित होता है. डेंगु जैसे ज्वर में भी गिलोय का रस बहुत ही उपयोगी साबित होता है. यदि मलेरिया के इलाज के लिए गिलोय के रस तथा शहद को बराबर मात्रा में मरीज को दिया जाए तो बडी सफलता से मलेरिया का इलाज होने में काफी मदद मिलती है.

पाचन क्रिया करता है दुरुस्त

गिलोय की वजह से शारीरिक पाचन क्रिया भी संयमित रहती है. विभिन्न प्रकार की पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में गिलोय बहुत ही प्रचलित है. हमारे पाचनतंत्र को सुनियमित बनाने के लिए यदि एक ग्राम गिलोय के पावडर को थोडे से आंवला पावडर के साथ नियमित रूप से लिया जाए तो काफी फायदा होता है.

बवासीर का भी इलाज है गिलोय

बवासीर से पीडित मरीज को यदि थोडा सा गिलोय का रस छांछ के साथ मिलाकर देने से मरीज की तकलीफ कम होने लगती है.

डॉयबिटीज का उपचार

अगर आपके शरीर में रक्त में पाए जाने वाली शुगर की मात्रा अधिक है तो गिलोय के रस को नियमित रूप से पीने से यह मात्रा भी कम होने लगती है.

उच्च रक्तचाप को करे नियंत्रित

गिलोय हमारे शरीर के रक्तचाप को नियमित करता है.

अस्थमा का बेजोड़ इलाज

अस्थमा एक प्रकार की अत्यंत ही खतरनाक बीमारी है, जिसकी वजह से मरीज को भिन्न प्रकार की तकलीफों का सामना करना पडता है, जैसे छाती में कसाव आना, साँस लेने में तकलीफ होना, अत्याधिक खांसी होना तथा सांसो का तेज तेज रूप से चलना. कभी कभी ऐसी परिस्थिती को काबू में लाना बहुत मुश्किल हो जाता है. लेकिन क्या आप जानते है, कि अस्थमा के उपर्युक्त लक्षणों को दूर करने का सबसे आसान उपाय है, गिलोय का प्रयोग करना. जी हाँ अक्सर अस्थमा के मरीजों की चिकित्सा के लिए गिलोय का प्रयोग बडे पैमाने पर किया जाता है, तथा इससे अस्थमा की समस्या से छुटकारा भी मिलने लगता है.

आंखों की रोशनी बढ़ाने हेतु

गिलोय हमारी आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है. यह हमारी आंखों की दृष्टी को बढाता है, जिसकी वजह से हमे बिना चश्मा पहने भी बेहतर रूप से दिखने लगता है. यदि गिलोय के कुछ पत्तों को पानी में उबालकर यह पानी ठंडा होने पर आंखों की पलकों पर नियमित रूप से लगाने से काफी फायदा होता है.

सौंदर्यता के लिए भी है कारगार

 गिलोय का उपयोग करने से हमारे चेहरे पर से काले धब्बे, कील मुहांसे तथा लकीरें कम होने लगती हैं. चेहरे पर से झुर्रियाँ भी कम होने में काफी सहायता मिलती है. यह हमारी त्वचा को युवा बनाए रखने में मदद करता है. गिलोय से हमारी त्वचा का स्वास्थ्य सौंदर्य बना रहता है. तथा उस में एक प्रकार की चमक आने लगती है.

खून से जुड़ी समस्याओं को भी करता है दूर 

कई लोगों में खून की मात्रा की कमी पाई जाती है. जिसकी वजह से उन्हें शारीरिक कमजोरी महसूस होने लगती है. गिलोय का नियमित इस्तेमाल करने से शरीर में खून की मात्रा बढने लगती है, तथा गिलोय हमारे खून को भी साफ करने में बहुत ही लाभदायक है.

English Summary: This drug, which is easily available in the village, has many properties ...
Published on: 27 December 2017, 05:25 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now