Depression: मानसिक थकान आपको किसी भी काम को करने में एक बड़ी बाधा बन सकती है. इसके इलाज के लिए आपको बहुत सावधानी से औषधियों या अन्य दवाओं का सेवन करना चाहिए. तो चलिए आज हम आपको इसी से सम्बंधित कुछ औषधियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपको मानसिक अवसाद से बहुत जल्द छुटकारा मिल सकता है.
लैवेंडर- यह औषधियां बाकी अन्य काम में तो आती ही है लेकिन मानसिक अवसाद में भी यह औषधि बहुत कामगार है. यह हमें मानसिक शांति भी प्रदान करती है साथ ही साथ कई अन्य तरह के शारीरिक रोगों से भी मुक्त कराती है. लैवेंडर में शक्तिशाली अवसादरोधी गुण होते हैं. लैवेंडर चाय बेचैनी से राहत देने और नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायक पाई गई है.
कैमोमाइल- इस जड़ी-बूटी का उपयोग हम सदियों से करते चले आ रहे हैं. यह शरीर में रक्त को साफ़ करने और कोलेस्ट्राल को कम करने में भी सहायक होता है. इसका उपयोग चिंता और अनिद्रा के प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता रहा है. पोषण विशेषज्ञ रूपाली दत्ता साझा करती हैं, "चाय की पत्तियां, विशेष रूप से हरी चाय, तंत्रिकाओं को शांत करने में मदद करती हैं क्योंकि उनमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं. कैमोमाइल की चाय विशेष रूप से शांति के लिए उपयोग की जाती है और यह आपको बेहतर नींद लाने में मदद करती है.
अश्वगंधा-आज के समय में यह एक सामान्य औषधि हो गई है जो लगभग हर घर में किसी न किसी रूप में प्रयोग होती ही है. यह एक दो नहीं बल्कि बहुत से शारीरिक विकारों को दूर करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है.
यह जड़ी बूटी शरीर की तनाव प्रतिक्रिया में सुधार लाती है, कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित करने और पुराने तनाव के प्रभाव को कम करने में मदद करती है. अपनी चाय, स्मूदी, जूस या सादे पानी में अश्वगंधा पाउडर मिलाने से आपका मूड तुरंत अच्छा हो जाएगा.
ब्राह्मी- इस बारहमासी जड़ी-बूटी में तनाव कम करने वाले गुण होते है जो कि लंबे समय से उपयोग की जाती रही है. ब्राह्मी एक एडाप्टोजेन के रूप में कार्य करती है, जो शरीर को नई या तनावपूर्ण स्थितियों के अनुकूल बनने में सक्षम बनाती है. ऐसा माना जाता है कि जब इसका सेवन किया जाता है, तो यह मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे दिमाग शांत होता है और चिंता, घबराहट से राहत मिलती है.
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पुदीना- ठंडा घोलपुदीना, अपने शीतलन प्रभाव और मेन्थॉल के साथ, तंत्रिका तंत्र विकारों के इलाज के लिए सदियों से उपयोग किया जाता रहा है. मेन्थॉल और विभिन्न अन्य पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण, यह झुलसी हुई नसों को शांत करता है. मेन्थॉल शांत दिमाग को बढ़ावा देकर और शांतिपूर्ण नींद के साथ ही अनिद्रा के उपचार में सहायता करता है. पुदीना चाय और अन्य व्यंजनों को अपने नियमित आहार का हिस्सा बनाएं.