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Updated on: 20 October, 2022 5:30 PM IST
mushroon medicinal properties

भारत में मशरूम उत्पादकों के दो समूह है, एक जो केवल मौसम में ही इसकी खेती करते हैं तथा दूसरे जो पूरे साल मशरूम उगाते है. मौसमी खेती मुख्यतः पूर्वी भारत तथा उत्तर पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती है.

मशरूम की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि इसकी पैदावार में कम लागत एवं कम समय लगता है. इसका कवक जाल उन सभी अवशेषों पर अच्छी बढ़वार करता है, जिसमें लिगनिन एवं सेलूलोज हो, जैसे-खाद, भूसा, पुआल खोई इत्यादि. मशरूम दो से तीन महीनों में कटाई के लिए तैयार हो जाता है. सामान्यतः एक बार में दो से तीन बड़ी पैदावार ली जा सकती हैं.

सब्जियों को उगाने से लेकर तोड़ाने तक रासायनिक खाद्य, कीटनाशक या जल्दी बटने वाले हार्मोन आदि का असंतुलित मात्रा में प्रयोग किया जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है. इन सब्जियों के साथ रासायनिक तत्व तथा हार्मोन शरीर में पहुंचकर धीरे-धीरे रोगरोधी तन्त्र को कमजोर बनाते हैं. सब्जियों को उगाने के लिए खेत या जमीन का होना अति आवश्यक है, जिनके पास जमीन नहीं है उनके लिए मशरूम की खेती करना, कम लागत में एक बहुत ही आकर्षक व लाभकारी उपक्रम है. मशरूम से तरह-तरह के व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं, मशरूम के प्रोडक्ट बनाकर बेचना एक अच्छा व्यवसाय हो सकता है जैसे-मशरूम पापड़, पाउडर सूप, अचार इत्यादि.

पोषकीय महत्व

मशरूम में अनाज, दालों, सब्जियों की तुलना में प्रोटीन अधिक मात्रा में पाई जाती है. इसमें लगभग 22-35 प्रतिशत उच्च कोटि की प्रोटीन पाई जाती है, जिसकी पाचन शक्ति 60-70 प्रतिशत तक होती है. यह पौंधो से प्राप्त प्रोटीन से कहीं अधिक होती है तथा शाकभाजी व जन्तु प्रोटीन के मध्यस्थ का दर्जा रखती है.

सारिणी-1 मशरूम में पाए जाने वाले पौष्टिक अवयवों का विवरण (प्रति 100 ग्राम ताज्य मशरूम)

मशरूम की प्रजातियां

प्रोटीन

रेखा

कार्बोहाड्रेट

वसा

खनिज

उर्जा

(निम्बे)श्वेतबटन

9-23

48-60

63-40

2-70

6-32

412

प्लूरोटसओस्ट्रीरएस

30-40

8-70

57-60

2-20

9-80

265

हामपुआलमशरूम

37-50

5-50

54-80

2-60

1-10

305

मशरूम दूधिया

17-69

3-40

64-26

4-10

7-43

391

मशरूमशिटाके

32-93

28-80

47-60

3-73

5-20

387

शीतकालीनमशरूम

17-60

3-40

43-10

1-60

7-40

378

ब्लैक इयर मशरूम

4-20

19-80

82-80

8-30

4-70

351

औषधीय महत्व

1.प्रतिशत प्रणाली को बनाये मजबूतः मशरूम में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट हमें हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं. मशरूम के सेवन से शरीर में एंटीवायर, एन्टभ्क्योटिक व अन्य प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है जो संक्रमण से बचाता है. इसमें मौजूद सेलेनियस रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है.

2.मधुमेह में लाभदायकः मशरूम में शर्करा (0.5 प्रतिशत) और स्टार्च की मात्रा बहुत कम होती है जो कि मधुमेह रोगी के लिए जानलेवा है. मशरूम में कोलेस्ट्राल भी नहीं होता है तथा यह शरीर में इनसुलिन हार्मोन के निर्माण में भी मदद करता है.

3.मोटापा से बचायेः मशरूम में तीन प्रोटीन होता है तो कि वनज घटाने में मददगार होता है. मोटापा कम करने वालों को प्रोटीन युक्त भोजन सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिसके लिए मशरूम खाना बेहतर विकल्पों में से एक है.

4.कैंसर के लिए मशरूमः मशरूम में बीटा ग्लूकन और कंजूगेट लीनोलिक एसिड होता है जो कि एंटी-कासनोजेनिक प्रभाव छोड़ते हैं. अतः मशरूम के सेवन से प्रोस्टेट एवं ब्रेस्ट कैंसन में बचाव होता है.

5.पाचन शक्ति करे मजबूतः मशरूम में विटामिन ‘बी’ होता है जो कि भोजन को ग्लूकोज में बदलकर उर्जा पैदा करता है शर्करा व कोलेस्ट्राल की कम मात्रा, सुपाच्य रेशों कि बहुलिया, पोष्टिक होने के कारण पाचन तन्त्र को स्वस्थ्य रखने में उपयोगी सिद्ध हुआ है.

6.उदर विकार करे दूरः ताजे मशरूम में पर्याप्त मात्रा में रेशे होते हैं, इसका सेवन करने से कब्ज, अपचन, अति अम्लीयता सहित पेट के विभिन्न विकारो से बचाव होता है.

7.हीमोग्लोबिन स्तर नियन्त्रित रखेः मशरूम में लौह तत्व एवं बहुमूल्य फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है जो केवल मासाहारी खाद्य पदार्थों में होता है. अतः यह रक्त की कमी की शिकार अधिकांश शाकाहारी महिलाओं एवं बच्चों के लिए से सर्वोत्तम आहार है.

8.हृदय रोग के लिए लाभकारीः हृदय रोगियों की आहार योजना में मशरूम को सम्मिलित करना उपयोगी पाया गया है क्योंकि मशरूम शर्करा एवं कोलेस्ट्राल को नियन्त्रित कर रक्त सचार को बढ़ाता है.

9.हड्डियों को मजबूती प्रदान करेंः मशरूम में यद्यपि बिटामिन ‘ए’, ‘डी’ तथा ‘के’ नहीं पाया जाता परन्तु एर्गोस्टेराल पाया जाता है तो मानव शरीर के अन्दर विटामिन ‘डी’ में परिवर्तित हो जाता है. और हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है.

10.कुपोषण से बचाए: यह बाल्यावस्था, युवावस्था, गर्भावस्था तथा बृद्धावस्था तक सभी चरणों में उपयोगी है. इसमे विद्यमान प्रोटीन, रेशा, विटामिन, तथा खनिज लवण के कारण कुपोषण से बचाता है. मशरूम में शर्करा, स्टार्च, वसा बहुत कम तथा सोडियम साल्ट ना होने के कारण मोटापे, गुर्दे हृदयघात रोगियों के लिए आदर्श आहार है.

इसके अतिरिक्त मशरूम वालों तथा त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद है. इसमें उपस्थित पौष्टिक तत्व शरीर के निर्माण, पुनः निर्माण एवं स्वस्थ्य रहने के लिए आवश्यक है.

पल्लवी सिंह और ज़ीनत अमान’’

पी0एच0डी0 शोध छात्रा

पारिवारिक संसाधन प्रबन्ध एवं उपभोक्ता विज्ञान विभाग, खाद्य विज्ञान एवं पोषण विभाग

आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या

ई-मेलः singhpalu97@gmail.com

English Summary: Mushroom has many medicinal properties, very beneficial for health
Published on: 20 October 2022, 05:36 PM IST

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