Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 June, 2022 4:01 PM IST

फालसा एक ऐसा फल है, जो देखने में छोटा होता है और गर्मियों में उगाया जाता है. इसकी तासीर ठंडी होती है और गर्मियों में शरीर की लिए बड़ी लाभदायक होती है. आज के इस लेख में हम आपको फ़ासला के उपयोग और उससे जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में बताएंगे. तो आईये चलते हैं फिर इस छोटे से फल, फालसा के सफर पर.

सर्दी  के जाते ही गर्मी की शुरुआत होती  है और  चिपचिपाहट भरी गर्मी अपने साथ बीमारियों का भंडार लेकर आती है. इस मौसम में मौसमी फल और सब्जियां बीमारियों से लड़ने में मददगार होते हैं. ठीक उसी तरह फालसा भी गर्मी के मौसम में बीमारियों से लड़ने में मदद करता है.  फालसा बहुत ही छोटा और नाजुक सा फल  होता है.

यह बस गर्मियों में ही नजर आता है, वह भी मई-जून के महीने में. लेकिन गुणों के मामले में इसकी बात करें, तो यह बहुत ही मजबूत होता  है. इसमें अनगिनत विटामिन और मिनरल होते हैं, जो कि गर्मी में लू से बचाने में सहायक होते हैं. फालसा रूप में बहुगुणी होता है और अगर एक शब्द में कहें, तो ये एक प्रकार की टॉनिक का काम  करता है.

फालसा का इतिहास

फालसा के इतिहास के बारे में बात करें, तो यह बहुत पुराना है. दरअसल, इसकी यात्रा भारत के प्राचीन आयुर्वेद से शुरू होती है और भारतीय उपमहाद्वीप के सभी देशों में जाकर समाप्त होती है. आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में फालसे का वर्णन ‘परूषकं’ के  नाम से किया गया है.

साथ ही इसके रस( शरबत) का भी जिक्र किया गया है. आजकल यह भारत के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, कंबोडिया, थाइलैंड और लाओस में भी पाया और उगाया जाता है. इसकी नाजुकता की वजह से यह दूसरे देशों तक ना पहुँच कर सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप तक ही सिमित है.

फालसा के  पेड़ से जुड़े कुछ तथ्य

फालसा के पेड़ की अगर बात करें, तो यह छोटा, मुलायम और पीले रंग का झाड़ीदार पेड़ होता है. इसके तने की त्वचा-खुरदरी, हल्के भूरे और सफेद रंग की होती है. इसके फल गोल, बड़े मटर या जंगली झरबेरी जैसे धूसर रंग के होते हैं. कच्चे होने पर इसके फल हरे रंग के होते हैं तथा पकने पर बैंगनी रंग और लाल रंग में तब्दील हो जाते हैं. इसके फलों का स्वाद खट्टा व मीठे होता है.

फालसा के फ़ायदे

फालसा में एन्टीऑक्सिडेंट, पोटाशियम, कैल्शियम, विटामिन ए, प्रोटीन, फॉस्फोरस जैसे अनगिनत गुण होते हैं, जो कि पेट की जलन व रक्त संबंधी बीमारियों में लाभकारी होते हैं. 

ये खबर भी पढ़ें: फालसा का सेवन करने से होते है ये हैरान कर देने वाले फायदे

गर्मी में इसके जूस को अमृत के समान माना जाता है, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है. साथ ही इसकी एक और विशेषता यह भी है कि यह यूरिन संबंधी समस्याओं को रोकता है और यूरिन की जलन को भी शांत करता है.

English Summary: know here all about the benefits of falsa friut
Published on: 08 June 2022, 04:27 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now