दुनियाभर में लगभग 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन की बीमारी है. इसको आम भाषा में हाई बीपी कहा जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने अनुमान लगाया है कि लगभग 51 प्रतिशत मौतों का जिम्मेदार हाई बीपी होता है. अगर इस बीमारी को गंभीरता से न लिया जाए, तो इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी फेलियर की समस्या भी हो सकती है. अगर सरकारी आंकड़ों का देखा जाए, तो हमारे देश में लगभग 40 प्रतिशत शहरी आबादी हाई बीपी की समस्या से ग्रस्त है. जिन लोगों का बीपी लेवल लगातार 120/80 mmHg से ज्यादा होता, उन्हें तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. इसके साथ ही हाई बीपी के मरीजों को कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर रखना चाहिए.
पपीता
जो लोग हाई बीपी की दवा खाते हैं, उन्हें पपीता भूल कर भी नहीं खाना चाहिए. ये दवाइयों के प्रभाव को कम करता है, साथ ही बीपी बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार होता है. इसके अलावा पपीता में लेटेक्स नाम का तत्व होता है, जो कि शरीर में एलर्जी के कारकों को पैदा करता है.
अचार
खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए अक्सर लोग अचार खाते हैं, लेकिन बीपी के मरीजों को अचार खाने से परहेज करना चाहिए. बता दें कि अचार में मौजूद मसालों में नमक की मात्रा अधिक होती है, जो कि हाई बीपी के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकती है.
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फ्रेंच फ्राइज
इसमें फैट अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकता है. इस वजह से हाई बीपी का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा शरीर में सोडियम अधिक होने की वजह से हाई बीपी का स्तर बढ़ जाता है, इसलिए फ्रेंच फ्राइज, चिप्स और जंक फूड, जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
चाय/कॉफी
अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं, तो आपको चाय-कॉफी से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए. ये बीपी के स्तर को ट्रिगर करने में कारगर होते हैं. डॉक्टर भी हाई बीपी के मरीजों को चाय या कॉफी कम पीने की सलाह दीते हैं. बता दें कि चाय और कॉफी पीने से शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन की मात्रा बढ़ती है, जिससे शरीर में तनाव पैदा होता है. यह हाई बीपी के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है.
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