Krishi Yantra Yojana: रोटावेटर और मल्टी क्रॉप थ्रेशर समेत इन 6 कृषि यंत्रों पर मिल रहा 50% तक अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ Dudharu Pashu Bima Yojana: दुधारू पशुओं का होगा बीमा, पशुपालकों को मिलेगी 75% सब्सिडी, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया! PM Kusum Yojana से मिलेगी सस्ती बिजली, राज्य सरकार करेंगे प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए तक की मदद! जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 18 March, 2021 6:00 AM IST
Piles Disease

बवासीर यानी पाइल्स (Piles Disease) की समस्या बहुत तकलीफ देती है. बवासीर में सूजन के साथ-साथ तेज दर्द भी होता है, जो कि इसांन को एकदम असहज बना देता है. एक शोध में बताया गया है कि 50 साल की आयु पार करने के बाद लगभग 50 प्रतिशत लोगों को बवासीर  (Piles Disease) की शिकायत हो जाती है.

इससे जुड़ी सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि अधिकतर लोग इस बीमारी के बारे में डॉक्टर से बात करने में झिझकते हैं और इस बीमारी को छिपाकर रखते हैं. इस चक्कर में अक्सर बीमारी बढ़ जाती है, साथ ही संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है. इस बीमारी की शुरुआत में सिर्फ दर्द और जलन का एहसास होता है, लेकिन जब समस्या बढ़ जाती है, तो खून आना शुरू हो जाता है. इस बीमारी एनल या रेक्टल एरिया की ब्लड वेसल्स बड़ी हो जाती है. इस कारण जलन के साथ दर्द भी होता है.

बवासीर होने के कई कारण

  • कई बार कब्ज होना

  • पाचन क्रिया का सही न रहना

  • बहुत भारी चीजें उठाना

  • गैस की समस्या

  • तनाव

  • मोटापा

बवासीर का दर्द  (Piles Pain)

इस बीमारी का दर्द हर किसी के लिए एक जैसा नहीं होता है. इसके सामान्य लक्षण रेक्टल एरिया में दर्द, खुजली और जलन, सूजन और संक्रमण हैं. इसका इलाज संभव है, लेकिन अक्सर  लोग इसका इलाज कराने में झिझकते हैं. ऐसे में अगर आप चाहें, तो घरेलू उपाय द्वारा बवासीर की समस्या ही कर सकते हैं. जी हां, आपके किचन में ही एक ऐसी चीज मौजूद है, जिसके इस्तेमाल से सिर्फ 24 घंटे के अंदर बवासीर का इलाज कर सकते हैं. आप सेब के सिरके यानी एपल साइडर वेनेगर की मदद से आप पाइल्स का इलाज कर सकते हैं.

सेब के सिरके से फायदे  (Benefits of Apple Vinegar)

  • इंफेक्शन को रोकने के गुण पाए जाते हैं.

  • रेक्टल एरिया में इंफेक्शन बढ़ने नहीं देता है.

  • दर्द कम करने में मदद करता है.

  • इसके इस्तेमाल से जलन में राहत मिलती है.

  • स्वेलिंग कम होती हैय

  • आप चाहें तो इसमें एलोवेरा भी मिला सकते हैं.

कैसे करें सेब के सिरके का इस्तेमाल? (How to Use Apple Vinegar)

  • सबसे पहले एक साफ कटोरी में 2 चम्मच सेब का सिरका लें.

  • उसमें रूई के एक साफ टुकड़े को डुबोकर रख दें.

  • इस कॉटन को प्रभावित जगह पर लगाएं

  • इस प्रक्रिया को तब तक करें, जब तक आपको राहत न महसूस होने लगे.

English Summary: Get relief from piles of apple vinegar in just 24 hours
Published on: 17 March 2021, 02:33 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now