अमरबेल के एक परजीवी पौधा होता है जो अन्य पौधों पर निर्भर रहता है. इसे आपने बबूल, बेर या अन्य पेड़ों पर लिपटा हुआ देखा होगा. यह एक लता वाला पौधा है जिसका तना लंबा और पतला होता है. यह देखने में पीले रंग की होती है जिसकी लताएं दूसरे पौधें की शाखाओं से मजबूती से लिपट जाती है. इसकी लता और बीज आयुर्वेदिक के लिहाज से बेहद उपयोगी मानी जाती है. कई बीमारियों के ईलाज में अमरबेल बेहद उपयोगी साबित होती है. तो आइए जानते हैं अमरबेल क्या है और इसके आयुर्वेदिक गुण कौन से हैं -
क्या है अमरबेल?
अमरबेल एक परजीवी पौधा है जो प्रकाश संश्लेषण क्रिया नहीं करने के कारण अपना भोजन खुद नहीं बनाता है और अन्य पौधों पर निर्भर रहता है. इसकी बेल अन्य पौधों की शाखाओं से लिपटकर महीन तत्वों से उनका रस चूसती है. जिसके सहारे ही यह जीवित रहता है. आकाशबेल के नाम मशहूर यह पौधा अन्य पौधों के लिए नुकसानदायक होता है. जिस पेड़ पर यह लिपट जाता है उसे धीरे-धीरे ख़त्म कर देता है. इसका लैटिन नाम कस्कुटा रिफ्लैक्सा है. वहीं इसे अंग्रेजी में जाएन्ट-डोडर, संस्कृत में अमरवल्ली, हिंदी में अमरबेल, उड़िया में कोलानिरमुली, असमिया में अमरलतीक, कन्नड़ में बड़ानीके, गुजराती में अमरबेल, तमिल में कोडीयागुन्डल, तेलुगु में लन्जासवरमू, बंगाली आलोक लता, नेपाली में आकाशबेलो, पंजाबी में निराधार, मराठी में आकाशबेल, मलयालम में आकाशवल्ली, अरैबिक में कसूस और पर्सियन में अफ्तीमून कहते हैं.
अमरबेल के फायदे क्या है?
बालों को मजबूती- यह बालों के बेहद उपयोगी है. बालों में इसका करने से गंजेपन से निजात मिलती है और बालों की जड़ें मजबूत होती है. इसके लिए तिल या शीशम के तेल के साथ पकाकर लगाना चाहिए. वहीं 50 ग्राम अमरबेल को पीसकर 1 लीटर पानी में अच्छी तरह पका लें. इसका उपयोग बालों में लगाने के लिए करें. जिससे बालों में न सिर्फ मजबूती आती है बल्कि बाल चमकदार हो जाते हैं. साथ ही बालों के झड़ने और रुसी से निजात मिलती है.
दिमागी रोग में फायदा- अमरबेल से दिमागी रोगों में फायदा मिलता है. इसके 5-10 मि.ली. रस को रोजाना सुबह-शाम पीने से दिमाग से जुड़े रोग ठीक होते हैं.
आंखों के लिए फायदेमंद- यह आंखों से जुड़ी बीमारियों में भी फायदेमंद है. इसका उपयोग आंखों के लिए करने पर आंखों की समस्या से निजात मिलती है. इसके लिए अमरबेल के 10-20 मि.ली. रस को शकर के साथ मिलाकर आंखों पर लगाएं.
जीभ के घाव - अमरबेल के उपयोग से जीभ के घाव ठीक हो जाते हैं. इसका पेस्ट बनाकर जीभ पर लगा लेने से घाव तुरंत ठीक हो जाते हैं.
पेट के रोग - यह पेट के रोगों के लिए लाभदायक है. इसके लिए इसे उबालकर अच्छी तरह से पीस लें और पेट पर लगाएं. जिससे पेट से जुड़े रोग ठीक होते हैं. वहीं इसे यदि 2 मि.ली. मात्रा में रोजाना पीयेंगे तो पेट की गैस और पेट दर्द से निजात मिलेगी.
लीवर में फायदेमंद- अमरबेल लीवर के विकार के लिए भी लाभदायक है. इसके लिए 5-10 मि.ली. अमरबेल के रस का सेवन करें जिससे बुखार, लिवर विकार से निजात मिलती है. यह अमाशय और किडनी की बीमारियों में भी लाभदायक है.
प्रसूती स्त्री- यदि अमरबेल का काढ़ा बनाकर प्रसूती महिला को पिलाया जाए तो इससे उस स्त्री की अपरा जल्दी निकल जाती है.