मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया (MFOI) अवार्ड्स 2024 क्या है, और रजिस्ट्रेशन कैसे करें? बागवानी फसलों के लिए बेहद फायदेमंद है समुद्री शैवाल के अर्क, जानें उपयोग की विधि और लाभ! बैंगन एवं टमाटर की खेती में लगने वाले बैक्टीरियल विल्ट रोग के कारण, लक्षण, जानें कैसे करें प्रबंधित केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक शहरी मधुमक्खी पालन की ओर बढ़ रहा लोगों का रुझान, यहां जानें सब कुछ
Updated on: 5 January, 2021 4:15 PM IST
Hanuman Fruit

हनुमान फल (Hanuman fruit) का नाम काफी कम लोगों ने सुना होगा, जिसे लक्ष्मण फल (Laxman Fruit) के नाम से भी जाना जाता है. अंग्रेजी में इस फल को सरसोप या ग्रेविओला कहा जाता है. यह एनोना परिवार से संबंधित होता है. बता दें, कि यह एनोना म्यूरीकाटा नाम के छोटे पर्णपाती उष्णकटिबंधीय सदाबहार पेड़ का फल है. 

इस फल का उपयोग फूड कन्फेक्शनरी के तौर पर होता है, तो वहीं इसके पत्ते, छाल, जड़ें, फली और बीजों का इस्तेमाल कई बीमारियों का इलाज करने में किया जाता है. एक शोध के मुताब‍कि, इस फल के पौधे में लगभग 212 फाइटोकेमिकल्स होते हैं. इनमें एल्कलॉइड, मेगास्टिगमन, फ्लेवोनोल ट्राइग्लोसाइड्स, फिनोलिक्स, साइक्लोपेप्टाइड्स और आवश्यक तेल शामिल होते हैं. इसके अलावा यह फल एंटीकैंसर, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-ऑर्थ्रेटिक, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीकॉन्वल्सेंट, हेपेटोप्रोटेक्टिव और एंटीडायबिटिक मैकेनिज्म के लिए भी फायदेमंद हैं.

हनुमान फल में पाए जाने वाले पोषक तत्व

100 ग्राम हनुमान फल में लगभग 81.16 ग्राम पानी और एनर्जी की 276 के.जे. मात्रा मौजूद होती है. इसमें 1 ग्राम प्रोटीन, 3.3 ग्राम खाने वाला फाइबर, 0.6 मिलीग्राम आयरन, 21 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 14 मिलीग्राम कैल्शियम, 278 मिलीग्राम पोटेशियम, 0.1 मिलीग्राम जिंक, 27 मिलीग्राम फॉस्फोरस, 20.6 मिलीग्राम विटामिन सी और 14 एमसीजी फोलेट पाया जाता है.

अल्सर का इलाज करे

हनुमान फल में फ्लेवोनोइड्स, टैनिन और ट्राइसेप्स जैसे सक्रिय यौगिक मौजूद होते हैं. इसलिए हनुमान फल को काफी असरदार माना जाता है. यह पेट के अल्सरेटिव घावों या गैस्ट्रिक अल्सर को कम करने में भी मदद करता है.

गठिया के दर्द के इलाज में मददगार

यह फल गठिया के दर्द के लिए एक कुदरती दवा है. इसके पौधे में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व पाया जाता है, जो गठिया के दर्द से संबंधित उत्तेजनाओं को दबाने में मदद करती है. इसके साथ ही सूजन को कम करती है.

डायबिटीज को कंट्रोल में मददगार

इस फल में एंटी डायबिटिक और हाइपोलिपिडेमिक एक्टिविटीज होती हैं, जिससे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा कम करने में मदद मिलती है. इसके अलावा एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचा सकते हैं.

मलेरिया के इलाज में प्रभावी

हनुमान फल की पत्तियों में एंटीप्लाज्मोडियल एजेंट पाया जाता है, जो बीमारी पैदा करने वाले पैरासाइट्स पर काफी असरकारक है. एक शोध के मुताबिक, इसके पत्तों का अर्क इंसानों में मलेरिया फैलाने वाले प्रोटोजोआ परजीवी के दो उपभेदों प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम के खिलाफ एंटीमैरलियल प्रभाव दिखाता है.

कैंसर को रोकने में रामबाण सक्षम

इस फल में कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं. इसमें साइटोटॉक्सिसिटी, नेक्रोसिस और कई तरह के कैंसर जैसे स्तन, कोलोरेक्टल, प्रोस्टेट, वृक्क, फेफड़े, अग्नाशय, डिम्बग्रंथि को बढ़ने से रोकने में कारगर गुण पाए जाते हैं, इसलिए यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को रोकने में काफी लाभकारी है.

English Summary: Consumption of Hanuman or Laxman fruit has many benefits
Published on: 05 January 2021, 04:21 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now