आज के समय में गोबर के देखकर हम में से ज्यादातर लोग नाक-मुंह सिकोड़ लेते हैं पर प्राचीन काल में गाय के गोबर को काफी पवित्र माना जाता था. गांव के लोग अभी भी इससे पवित्र ही मानते हैं. क्योंकि गाय के गोबर में कई गुणों का समावेश होता है. लोगों को जानकर हैरानी होगी कि ये बेकार दिखने वाली इस चीज की अब दूसरे देशों में भी खूब मांग बढ़ रही है. ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख में गाय के गोबर से बनी राख के गुणों के बारे में विस्तार से बताएंगे, तो आइए जानते हैं...
पेट के कीड़े से राहत (Stomach worm relief)
आजकल ज्यादातर लोग पेट में कीड़े की समस्या से परेशान हैं. जिस वजह से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि ज्यादा भूख लगना, आलस आना, पेट में दर्द होना आदि. तो ऐसे में आप गाय के गोबर की राख को 1 गिलास पानी में 1 चम्मच मिला कर और अच्छे छानकर 3 से 4 दिन तक सुबह शाम लगातार पिएं.इससे आपको काफी हद तक इस समस्या से राहत मिल जाएगी.
सर्दी-ज़ुकाम से राहत (Relief from cold)
गोबर की राख का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है क्योंकि यह हमारे शरीर की अत्यधिक नमी को अवशोषित कर ठंड को रोकने में सहायता प्रदान करती है. इसलिए ज्यादातर साधु अपने माथे और नाक पर राख लगाते हैं.
खाज-खुजली की समस्या से राहत (Relief from itching problem)
गाय के गोबर को सुखाकर फिर उसे जलाएं उसके बाद उसकी राख बना लें. फिर इस रख को मक्खन में 25 ग्राम तक मिलाकर रख लें और जब भी आपको खाज-खुजली महसूस हो तो इस लेप को तुरंत अपने शरीर पर लगा लें. ऐसा करने से आपको इस समस्या से राहत मिलेगी.
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मिर्गी की समस्या से राहत (Relief from Epilepsy)
जिन लोगों को मिर्गी की समस्या है तो वह सूखे गोबर की राख को पानी में मिलाकर उसे अच्छे से छान लें. फिर इसका सप्ताह में 2 से 3 बार सेवन करें. आपको मिर्गी की समस्या से काफी हद तक राहत मिल जाएगी.