नाम ही जिसका 'झुनझुनिया' हो वह पौधा भला अलग कैसे नहीं होगा. यह पौधा सिर्फ पहाड़ी क्षेत्रों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम में पाया जाता है और यह पौधा वहां के लिए बेहद आम है. इस पौधे को हर राज्य में अपने आंचलिक नाम से पुकारा जाता है. इस पौधे की विशेषता यह है कि यह अपने राज्यों में बहुतायत रुप में मिलता है और अब इसका प्रयोग कईं तरह की दवाईंयां बनाने के लिए किया जा रहा है.
क्यों है खास
विश्वभर में विचित्र प्रकार के पौधे पाये जाते हैं झुनझुनिया पौधा भी उन्हीं में से एक है. इस पौधे की विशेषता है कि शरीर का जो भी भाग इसके संपर्क में आता है उसमें बहुत तेज़ खुजली होती है और फिर बार बार खुजलाने से भी आराम नहीं मिलता है. इसका असर शरीर पर आधे घंटे से लेकर एक घंटे तक रहता है.
क्या है पहचान
इस पौधे की पहचान करना आसान भी है और मुश्किल भी. आसान इसलिए कि यह ऐसा पौधा है जिसके पत्तों और शाखों पर कांटे जैसी परत चढ़ी होती है. यह एक जंगली ग्रास प्लांट है इसलिए पहाडों में जगह जगह पर मिल जाता है. इसकी पहचान करना मुश्किल इसलिए कि यह दिखने में दूसरे हरे पौधों की तरह ही दिखता है और इसका आकार छोटे से बड़ा हर एक प्रकार का होता है.
कहां कहां पाया जाता है
झुनझुनिया पौधा प्रमुख तौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है जैसे – हिमाचल, उत्तराखंड, आसाम, मेघालय, त्रिपुरा आदि।
कहां है उपयोग
झुनझुनिया पौधे का इस्तेमाल वैज्ञानिक कईं प्रकार की कीटनाशक दवाइयां बनाने के लिए करते है. फिलहाल इस पौधे को लेकर कईं प्रकार के उत्पाद बनाने की योजना है.
गिरीश पांडे, कृषि जागरण