Ready Organic Fertilizers At Home: भारत में होम गार्डनिंग का शौक काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. अधिकतर लोग अपने घरों में फल-फूल और सब्जियां उगाने के शौकिन होते हैं, जिससे उन्हें ताजा और पौष्टिक फल-सब्जियां मिल जाती है. ऐसे में अच्छी उपज और गुणवक्ता के लिए पेड़-पौधों में खाद देनी होती है, लेकिन ज्यादातार लोग बाजार में बनी रसायनिक खाद का उपयोग करते हैं, जिससे फल-सब्जियों की क्वालिटी में कमी आने लगती है. अगर आप भी किचन गार्डनिंग करते हैं और इसे पूरी तरह से ऑर्गेनिक रखना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है.
आज हम आपके लिए घर पर ही तैयार होने वाली 3 जैविक खाद के बारे में जानकारी लेकर आए है.
किचन वेस्ट से जैविक खाद
किचन वेस्ट से खाद बनाना एक बेहद आसान प्रक्रिया है, जिसे हर घर में आसानी से अपनाया जा सकता है. फलों और सब्जियों के छिलकों को बेकार समझने की बजाय, इनका इस्तेमाल पौधे में प्राकृतिक खाद के रूप में करना चाहिए. इसके लिए आपको गोबर और पानी के साथ एक बर्तन में छिलकों को मिलाकर किसी छावं वाली जगह में रख देना है और प्रतिदिन एक डंडे 5 मिनट इस मिश्रण को चलाते रहना है. इसके लगभग 10 दिनों के बाद ही आपके पौधों के लिए जैविक खाद तैयार हो जाएगी.
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तैयार करें कोकोपीट
पेड़ पौधे के लिए कोकोपीट एक नारियल के छिलकों से तैयार होने वाला बेहतरीन जैविक माध्यम है. इसके उपयोग से पौधे की मिट्टी हल्की और पानीदार बन जाती है. इसे काफी आसानी से तैयार किया जा सकता है. कोकोपीट तैयार करने के लिए आपको नारियल के सूखे छिलकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटना है और मिक्सर डालकर बारीक पाउडर बना लेना है. अब इस पाउडर को 24 घंटो के लिए पानी में भिगो देना है, जिससे यह फूलकर मुलायम हो जाए. अब इसे पानी से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में निकालकर निचोड़ लेना है और पौधों की जड़ों में डाल देना है. कोकोपीट से पौधों को नमी और पोषण दोनों मिलता है, जिससे फल, फूल और सब्जियों की गुणवक्ता और उपज में सुधार होता है.
चाय पत्ती से खाद
चाय पत्ती से खाद बनाना एक सरल और प्रभावी तरीका हो सकता है, जो किचन वेस्ट को भी उपयोगी बनाता है. चाय बनाने के बाद बचने वाली चायपत्ती को छानने के बाद इसे अच्छी तरह से धोकर दूध और चीनी के अवशेषों को हटा लेना है. इन पत्तियों को आपको लगभग 2 दिनों तक धूप में सुखाना है और पूरी तरह सूख जाने पर पौधों में खाद की तरह इस्तेमाल करना है. इसे सीधा गमल में मिट्टी में मिलाना होता है, जिससे मिट्टी में नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्वों में वृद्धि होती है और पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है.