Papaya Farming Tips: भारत के किसान अब पारंपरिक खेती के हट कर अन्य फसलों की खेती में हाथ अजामा रहे हैं और इसमें सफल होकर तगड़ा मुनाफा भी कमा रहे हैं. किसान तरह की तरह के फलों की खेती करके अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. देश के किसानों का पपीता की खेती तरफ काफी रुझान बढ़ा है. किसान पपीता की नई किस्म की खेती करके कम समय में लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानते हैं अच्छी कमाई के लिए पपीते की खेती कैसे करें.
सबसे बड़ा पपीता उत्पादक देश
पपीता भारत में व्यावसायिक रूप से उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण फसलों में से एक है. इसका उच्च औषधीय और पोषण मूल्य इसे सभी फसलों में महत्वपूर्ण बनाते हैं. विश्व के कुल पपीता उत्पादन में भारत का 46% हिस्सा है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा पपीता उत्पादक देश बनता है. बता दें, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल इनमें से कुछ मुख्य प्रदेश है, जहां पपीते के उत्पादन महत्वपूर्ण योगदान दिया जाता हैं.
ये भी पढ़ें: सेब की सफल बागवानी और फसल प्रबंधन कैसे करें? एग्रीकल्चर एक्सपर्ट्स से जानें
कैसे करें पपीता की खेती?
पपीता की खेती से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए किसान इसकी नई रेड लेडी किस्म की खेती कर सकते हैं. किसान को पपीते की रेड लेडी किस्म के पौधों को अपने खेत में लगाना होता हैं, जिसमें नमी युक्त मिट्टी होती है. ध्यान रहें आपको इसके पौधें ऐसी जगह लगाने हैं, जहां पानी ठहरता हो. आपको पपीते की रेड लेडी किस्म की रोपाई से लगभग 10 दिन पहले जमीन में 1 फीट गड्डा करके छोड़ देना चाहिए. रोपाई के लगभग 6 महीने बाद रेड लेडी पपीता किस्म के पौधे पर फल आना शुरू हो जाते हैं.
पपीता की खेती से कमाई
पपीते की रेड लेडी किस्म की खेती करके किसान लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. एक बीघा जमीन में आप रेड लेडी किस्म के लगभग 800 पौधें लगा सकते हैं. इसके एक पौधा से लगभग 1 क्विंटल यानी 100 किलोग्राम तक पपीते की उपज प्राप्त होती है. बाजारों में पपीते की कीमत लगभग 50 से 60 रुपये किलोग्राम है.
पपीते की मांग
भारत में पपीते का उपयोग जैम, जेली, मुरब्बा, फल पनीर, केक, पुडिंग, मिठाई, टॉपिंग, योगहर्ट्स, मिल्कशेक और आइसक्रीम बनाने के लिए भी किया जाता है. जिसके चलते भारतीय मार्केट में इसकी सालभर डिमांड रहती है. इसके अलावा पपीता का इस्तेमाल दवा, कपड़ा, कागज और सीवेज के लिए भी किया जाता है.