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Updated on: 16 February, 2021 12:00 AM IST

देश के कई क्षेत्रों में अनार की खेती सफलतापूर्वक की जाती है. अनार में तीन बहार होती है. जून-  जुलाई माह में मृग बहार, सितम्बर- अक्तूबर में हस्त बहार और फरवरी- मार्च महीने में अम्बे बहार में फूल लगते हैं. व्यवसायिक रूप से साल में केवल एक ही बहार ली जाती है. जिन क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा नहीं होती, वहाँ मृग बहार से फसल ली जाती है और सिंचाई सुविधा होने पर अम्बे बहार से फलों को लिया जाता है. जिस बहार से फल लेने होते है उसमें फूलों के आने से 2 महीने पहले सिंचाई रोक दी जाती है. अनार के पौधों में शुष्क और गर्म जलवायु सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है. फलों के विकास और पकने के समय गर्म और शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है इसलिए उत्तर पश्चिम जलवायु में पैदा होने वाला अनार अच्छी गुणवत्ता का माना जाता है लेकिन किसानों के सामने फल फटने की आम समस्या है. फल फटने के बाद फलों के दाम में भारी गिरावट हो जाती है और फल की गुणवत्ता भी खराब हो जाता है जिससे किसान को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. अतः जानते है किस कारण फल फटते है और क्या निवारण किया जा सकता है. 

फलों के फटने के कारण (Causes of Fruit Burst)

फलों के फटने के कई कारण हो सकते है. जैसे सिंचाई का अचानक दे देना, जमीन के तापमान में अचानक परिवर्तन आ जाना, बोरॉन और कैल्सियम जैसे तत्वों की कमी होना, फल पकते समय गर्म हवा का चलना आदि कई कारण से फलों में फटने की समस्या हो जाती है.    

अनार के फटने से रोकने के उपाय (Measures to prevent pomegranate burst)

1. मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ाना (Increasing soil water holding capacity)

सूखे क्षेत्रों की रेतीली मिट्टी की जल धारण क्षमता बहुत कम होती है, क्योंकि  इस प्रकार की जमीन में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बहुत कम पाई जाती है. इसलिए गोबर की खाद और कार्बनिक मल्च के समन्वित उपयोग से जल धारण क्षमता में बढ़ोतरी की जा सकती है. जिससे फल फटने की समस्या का निदान किया जा सकता है.

2. प्रतिरोधी किस्मों का चयन (Selection of resistance varieties)

जहां अनार फल फटने की समस्या अधिक हो वहां पर प्रतिरोधी किस्म जैसे नासिक, ढोलका, जालौर सीडलेस, बेदाना बोसेक का पौधा रोपण करना सही रहता है.

3. सिंचाई का समय (Time of irrigation)

अनार के पौधों में लम्बे समय बाद अचानक और अधिक तापमान में सिंचाई नहीं करनी चाहिए.

ऐसा करने से अनार के फटने की समस्या देखी गई है.

4. जल्दी तुड़ाई करके (Early harvesting)

बड़े आकार के फल फटने की समस्या अधिकतर पाई जाती है. इसलिए फलों की जल्दी  तुड़ाई करके

फटने से रोका जा सकता है.

5. उर्वरकों का छिड़काव करके (Spray fertilizers)

अनार के फलों को फटने से बचाने के लिए बोरान 2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से 15 दिन के अंतराल पर दो छिड़काव करने चाहिए. जिससे फटने की समस्या में नियंत्रण किया जा सकता है. इसके अलावा कैलशियम सल्फेट, जिंक सल्फेट और कॉपर सल्फेट आदि रसायन भी फलों को फटने से बचाने में सहायक होते हैं. पोटेशियम सल्फेट के तीन छिड़काव करने से भी फल कम पड़ते हैं.

6. बरसात की बूंदों से फलों को बचाएं (Save the fruits from the rains)

अनार के फलों को वर्षा के जल से बचाने के लिए प्लास्टिक की हाइड्रोफोबिक फिल्म से फलों को ढक देना चाहिए. बरसात की बूंदों से फल के तापमान में अचानक अंतर आ जाता है जिससे फल फटने की दिक्कत हो जाती है.

7. फलों की तुड़ाई का तरीका (Fruit harvesting method)

तोड़ते समय जब अनार जमीन पर गिरते हैं तो फट जाते हैं इसलिए जमीन पर मल्चिंग करना चाहिए या विभिन्न उपकरणों का उपयोग करना चाहिए जिससे फलों को तोड़ने पर कम नुकसान पहुंचता है.

8. नमक या शक्कर का घोल का उपयोग करके (Using salt or sugar solution)

अनार के फलों के ऊपर नमक और शक्कर का घोल का छिड़काव करें, जिससे फल की परासरण क्षमता में उतार-चढ़ाव नहीं होगा और फल को फटने से बचाया जा सकता है.

हार्मोन का छिड़काव (Spray hormone)

अनार के फलों को फटने से बचाने के लिए 2,4-D और NAA का छिड़काव 10 से 20 पीपीएम (.001- .002%) की मात्रा में करना चाहिए.

गति अवरोधक वृक्षों की कतार लगाकर (Use tree for Wind speed breaker)

अत्यधिक हवा वाले क्षेत्रों में फलों को फटने से बचाने के लिए उत्तर पश्चिम दिशा में गति अवरोधक वृक्षों की कतार लगाना चाहिए. ताकि गर्म हवा से फलों को नुकसान न हो. रॉबस्टा, जामुन, शीशम, सफेदा आदि पेड़ों का उपयोग किया जा सकता है.

English Summary: How to prevent fruit cracking in Pomegranate
Published on: 16 February 2021, 06:00 IST

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