दिन की शुरुआत ड्राईफ्रूट्स के साथ की जाए तो सेहत के लिए इससे अच्छा कुछ नहीं. अंजीर, बादाम, काजू, पिस्ता जैसे सूखे मेवों में अच्छी मात्रा में विटामिन, प्रोटीन व खनिज होते हैं. जो इंसान को सेहतमंद रखते हैं.
डॉक्टर्स हर रोज सूखे मेवे खाने की सलाह देते हैं. लिहाजा बाजार में इनकी डिमांड काफी होती है साथ ही दाम भी ज्यादा होता है. लेकिन कितना अच्छा हो अगर आप अपने घर के किचन गार्डन में ही अपने उपयोग लायक ड्राईफ्रूट उगा सकें. आज के लेख में हम इसी विषय पर जानकारी दे रहे हैं कि कैसे आप गमलों में काजू, अंजीर जैसे ड्राईफ्रूट उगा सकते हैं और किस तरह पौधों की देखभाल की जाती है. किचन गार्डन में ड्राईफ्रूट्स के पौधे लगाने के लिए ड्रेनेज युक्त अच्छे बड़े गमले या ड्रम का इस्तेमाल करें. साथ ही अच्छे बीज का चुनाव करें.
सबसे पहले जानते हैं कि किचन गार्डन में अंजीर कैसे उगाएं?
अंजीर उगाने के लिए किसी बड़े गमले का इस्तेमाल करें. गमले के निचले भाग में छेद कर दें ताकि मिट्टी में पानी न रुके. अंजीर के पौधों के लिए रेतीली मिट्टी सबसे अच्छी होती है. आप नजदीकी नर्सरी से जाकर अंजीर के बीज या पौधे ले आएं. भारत में इंडियन रॉक, एलींफेंट ईयर, वींपिग फिग, सफेद फिग आधि उगाई जाती हैं. पौधा लगाने से पहले मिट्टी को धूप में सुखाईए फिर इसे खाद डालकर गिला करें. धूप में किटाणु मर जाते हैं. अंजीर के पौधे के विकास के लिए जैविक खाद का उपयोग करें. पौधे को कीट से बचाने के लिए नीम के तेल का छिड़काव करें. अंजीर के पौधे को विकसित होने के लिए नमी की जरुरत होती है. गर्मियों के मौसम में दो से तीन दिन पानी जरुर डालें. अंजीर के पौधे को विकास के लिए गर्म मौसम, भरपूर सूर्य प्रकाश और खुली हवा की जरुरत होती है. अंजीर में 10 से 12 महीने में ही फल दिखाई देने लगते हैं, लेकिन इन फलों को पकने में वक्त लगता है. अंजीर का पेड़ दो से तीन सालों में अच्छी मात्रा में पके फल देना शुरु कर देता है. अंजीर के पौधे की छंटाई करना भी जरुरी होती है. ताकि जड़े ज्यादा न फैले. पेड़ के आसपास 4 से 6 इंच ऊंची गीली घास लगाएं जिससे नमी बनी रहेगी और यह पौधे को ठंड से भी बचाएगी.
गार्डन में लगाएं बादाम का पेड़-
बादाम का पेड़ लगाने के लिए हल्का गर्म मौसम अच्छा होता है. बादाम उगाने के लिए आप बीज यानि फ्रेश बादाम का इस्तेमाल कर सकते हैं, या फिर नर्सरी से अंकुरित पौधा ला सकते हैं. बीज से पौधा बनने में काफी टाइम लगता है और ज्यादा देखरेख की जरुरत होती है. ऐसे में आप नर्सरी से पौधा लाएं. लेकिन ध्यान रहें कि आप मीठे बादाम का ही पौधा लाएं. कुछ पेड़ों में कड़वे बादाम लगते हैं तो खाने लायक नहीं होते. आप हाईब्रिड पौधा भी लगा सकते हैं जो जल्दी फल देता है. नान पेरिल, ड्रेक, थिनरोल्ड, आई.एक्स.एल, नीप्लस अल्ट्रा बादाम की कुछ उन्नत किस्में हैं. बादाम का पौधा पहले ही पॉट में लगाएंगे लेकिन बादाम का पेड़ बड़ा होता है, तो इसे थोड़ा विकसित होने के बाद आपको बड़ी जमीन पर लगाना होगा.
पौधे के विकास के लिए भरपूर धूप, हवादार जगह का चुनाव करें. मिट्टी ड्रेनेज युक्त होनी चाहिए. अंकुरित पौधों को रोपने का सही समय बसंत ऋतु के आसपास है. पौधा लगाने के तुरंत बाद ज्यादा पानी देने की जरुरत होती है ताकि मिट्टी में नमी रहे. बारिश न होने पर पौधे को हफ्ते में एक बार पानी देना जरुरी है. पौधे के विकास के लिए अच्छे उर्वरकों का प्रयोग करें. पौधे के कटाई की शुरुआत सर्दियों में करें. पेड़ को फल देने में 5 साल या इससे ज्यादा का समय लगता है. हालांकि किसी-किसी पेड़ को फल देने में 12 साल लंबा समय भी लग सकता है. यह पौधे की किस्म पर निर्भर करता है. एक पेड़ 50 सालों तक फल देता है.
गार्डन में लगाएं काजू-
गार्डन में काजू उगाने के लिए हाइब्रिड पौधा ही लगाए. यह घर के गमले में आसानी से उग जाता है और कम समय में ही काजू मिलने लगते हैं. अगर आप बीज से पौधा तैयार कर रहे हैं तो अंकुरण के दौरान विशेष ध्यान रखें, ड्रिप सिंचाई प्रणाली से पानी दें. काजू किसी भी मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन रेतीली लाल मिट्टी सबसे अच्छी होती है. काजू की जड़े ज्यादा फैलती हैं, इसलिए गहरे गमले में इसे लगाएं. जून से दिसंबर के बीच में काजू लगा सकते हैं. काजू के पेड़ के विकास के लिए जैविक खाद जरुरी होती है. खाद के रुप में वर्मीकंपोस्ट डाल सकते हैं. काजू को ज्यादा नमी और सर्दी से बचाना जरुरी होता है. इसलिए गमले में जल जमाव न होने दें. पौधे को दिन में कम से कम 1 घंटे तेज धूप में रखें. बारिश के मौसम में इसे ज्यादा सिंचाई की जरुरत नहीं होती. काजू के पेड़ तीन साल में तैयार हो जाते हैं, हाईब्रिड पेड़ों में इससे जल्दी भी फल आने लगते हैं.
घर में ऐसे उगाएं पिस्ता-
पिस्ता एक झाड़ी वाले पेड़ के रुप में बढ़ता है. यह ग्रे मिट्टी, केल्शियम से समृद्ध चट्टाने और स्टेपी मिट्टी में अच्छी तरह विकसित होता है. पिस्ता उगाने के लिए रेतीली दोमट मिट्टी, हल्की क्षारीय पीएच वाली मिट्टी अच्छी होती है. इसका पौधा झाड़ी के रुप में होता है, लिहाजा बगीजे की जमीन पर उगना बेहतर विकल्प है.
आप पिस्ता के बीजों से पौधा उगा सकते हैं, अंकुरण के लिए बीज को गर्मी की आवश्यकता होती है. छोटे पौधे को हवा से सुरक्षित रखने के लिए चादर का इस्तेमाल करें. पौधे के विकास के लिए भरपूर मात्रा में धूप की जरुरत होती है. पिस्ता सूखारोधी है, लेकिन फिर भी पेड़ को उचित मात्रा में पानी दें. जब ऊपर की दो इंच मिट्टी सूख जाए तो दोबारा पानी दें. पौधों को खरपतवार से बचाने के लिए निराई-गुड़ाई करें. साथ ही पेड़ के अच्छी विकास के लिए जैविक खाद व उर्वरकों का इस्तेमाल करें. पौटेशियम व फॉस्फोरस युक्त उर्वरक डालें. पौधे को रोग से बचाव के लिए नीम के तेल, साबुन के घोल का छिड़काव करें व संक्रमित पत्तियों को हटा दें. पिस्ता के पेड़ को फल देने में 10 साल से ज्यादा का वक्त लगता है. हालांकि हाइब्रिड पौधे कम समय में ही फल देने लगते हैं.
ऐसे लगाएं अखरोट का पौधा-
आप अपने गार्डन में अखरोट उगा सकते हैं. इसके लिए दोमट, उचित जलनिकासी वाली मिट्टी अच्छी होती है. पूसा अखरोट, पूसा खोड़, प्लेसैन्टिया, विलसन, फ्रेन्क्वेट, प्रताप, गोबिंद अखरोट की उन्नत किस्में हैं. घर आप अखरोट लगाने के लिए ग्राफ्टिंग विधि से तैयार किया गया अखरोट का पौधा नर्सरी से लें. दिसंबर से मार्च तक हल्के ठंडे मौसम में आप अखरोट उगा सकते हैं. अखरोट को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती. इसे विकसित होने के लिए धूप व खाद की आवश्यकता होती है. गोबर से बनी जैविक खाद का प्रयोग करें. अखरोट का पेड़ 4 साल बाद फल देना शुरु कर देता है.